Surah सूरा अल्-हु-म-ज़ह - Al-Humazah

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Surah सूरा अल्-हु-म-ज़ह - Al-Humazah - Aya count 9

وَیۡلࣱ لِّكُلِّ هُمَزَةࣲ لُّمَزَةٍ ﴿١﴾

विनाश है प्रत्येक बहुत ग़ीबत करने वाले और बहुत दोष लगाने वाले के लिए।


Arabic explanations of the Qur’an:

ٱلَّذِی جَمَعَ مَالࣰا وَعَدَّدَهُۥ ﴿٢﴾

जिसने धन एकत्र किया और उसे गिन-गिन कर रखा।


Arabic explanations of the Qur’an:

یَحۡسَبُ أَنَّ مَالَهُۥۤ أَخۡلَدَهُۥ ﴿٣﴾

वह समझता है कि उसके धन ने उसे हमेशा रहने वाला बना दिया?[1]

1. (1-3) इन आयतों में धन के पुजारियों के अपने धन के घमंड में दूसरों का अपमान करने और उनकी कृपणता (कंजूसी) का चित्रण किया गया है, उन्हें चेतावनी दी गई है कि यह आचरण विनाशकारी है, धन किसी को संसार में सदा जीवित नहीं रखेगा, एक समय आएगा कि उसे सब कुछ छोड़ कर ख़ाली हाथ जाना पड़ेगा।


Arabic explanations of the Qur’an:

كَلَّاۖ لَیُنۢبَذَنَّ فِی ٱلۡحُطَمَةِ ﴿٤﴾

कदापि नहीं, वह अवश्य 'ह़ुतमा' में फेंका जाएगा।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَمَاۤ أَدۡرَىٰكَ مَا ٱلۡحُطَمَةُ ﴿٥﴾

और तुम क्या जानो कि वह 'हुतमा' क्या है?


Arabic explanations of the Qur’an:

نَارُ ٱللَّهِ ٱلۡمُوقَدَةُ ﴿٦﴾

वह अल्लाह की भड़काई हुई आग है।


Arabic explanations of the Qur’an:

ٱلَّتِی تَطَّلِعُ عَلَى ٱلۡأَفۡـِٔدَةِ ﴿٧﴾

जो दिलों तक जा पहुँचेगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّهَا عَلَیۡهِم مُّؤۡصَدَةࣱ ﴿٨﴾

निःसंदेह वह उनपर बंद कर दी जाएगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

فِی عَمَدࣲ مُّمَدَّدَةِۭ ﴿٩﴾

लंबे-लंबे स्तंभों में।[2]

2. (4-9) इन आयतों के अंदर परलोक में धन के पुजारियों के दुष्परिणाम से अवगत कराया गया है कि उनको अपमान के साथ नरक में फेंक दिया जाएगा। जो उन्हें खण्ड कर देगी और दिलों तक जो कुविचारों का केंद्र हैं पहुँच जाएगी, और उसमें इन अपराधियों को फेंककर ऊपर से बंद कर दिया जाएगा।


Arabic explanations of the Qur’an: