لَعَلَّكَ بَـٰخِعࣱ نَّفۡسَكَ أَلَّا یَكُونُواْ مُؤۡمِنِینَ ﴿٣﴾
शायद (ऐ रसूल!) आप अपने आपको हलाक करने वाले हैं, इसलिए कि वे ईमान नहीं लाते।[1]
إِن نَّشَأۡ نُنَزِّلۡ عَلَیۡهِم مِّنَ ٱلسَّمَاۤءِ ءَایَةࣰ فَظَلَّتۡ أَعۡنَـٰقُهُمۡ لَهَا خَـٰضِعِینَ ﴿٤﴾
यदि हम चाहें, तो उनपर आकाश से कोई निशानी उतार दें, फिर उसके सामने उनकी गर्दनें झुकी रह जाएँ।[2]
وَمَا یَأۡتِیهِم مِّن ذِكۡرࣲ مِّنَ ٱلرَّحۡمَـٰنِ مُحۡدَثٍ إِلَّا كَانُواْ عَنۡهُ مُعۡرِضِینَ ﴿٥﴾
और जब भी 'रह़मान' (अति दयावान्) की ओर से उनके पास कोई नई नसीहत आती है, तो वे उससे मुँह फेरने वाले होते हैं।
فَقَدۡ كَذَّبُواْ فَسَیَأۡتِیهِمۡ أَنۢبَـٰۤؤُاْ مَا كَانُواْ بِهِۦ یَسۡتَهۡزِءُونَ ﴿٦﴾
अतः निःसंदेह उन्होंने झुठला दिया, तो शीघ्र ही उनके पास उस चीज़ की खबरें आ जाएँगी, जिसका वे उपहास उड़ाया करते थे।
أَوَلَمۡ یَرَوۡاْ إِلَى ٱلۡأَرۡضِ كَمۡ أَنۢبَتۡنَا فِیهَا مِن كُلِّ زَوۡجࣲ كَرِیمٍ ﴿٧﴾
और क्या उन्होंने धरती की ओर नहीं देखा कि हमने उसमें हर उत्तम प्रकार के कितने पौधे उगाए हैं?
إِنَّ فِی ذَ ٰلِكَ لَـَٔایَةࣰۖ وَمَا كَانَ أَكۡثَرُهُم مُّؤۡمِنِینَ ﴿٨﴾
निःसंदे इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी[3] है। (परंतु) उनमें से अधिकतर ईमान लाने वाले नहीं थे।
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ ٱلۡعَزِیزُ ٱلرَّحِیمُ ﴿٩﴾
तथा निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् है।
وَإِذۡ نَادَىٰ رَبُّكَ مُوسَىٰۤ أَنِ ٱئۡتِ ٱلۡقَوۡمَ ٱلظَّـٰلِمِینَ ﴿١٠﴾
और जब आपके पालनहार ने मूसा को पुकारा कि उन ज़ालिम लोगों[4] के पास जाओ।
قَالَ رَبِّ إِنِّیۤ أَخَافُ أَن یُكَذِّبُونِ ﴿١٢﴾
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! निःसंदेह मुझे डर है कि वे मुझे झुठला देंगे।
وَیَضِیقُ صَدۡرِی وَلَا یَنطَلِقُ لِسَانِی فَأَرۡسِلۡ إِلَىٰ هَـٰرُونَ ﴿١٣﴾
और मेरा सीना घुटता है और मेरी ज़बान नहीं चलती, अतः हारून की ओर संदेश भेज।
وَلَهُمۡ عَلَیَّ ذَنۢبࣱ فَأَخَافُ أَن یَقۡتُلُونِ ﴿١٤﴾
और उनका मुझपर एक अपराध का आरोप है। अतः मैं डरता हूँ कि वे मुझे मार डालेंगे।
قَالَ كَلَّاۖ فَٱذۡهَبَا بِـَٔایَـٰتِنَاۤۖ إِنَّا مَعَكُم مُّسۡتَمِعُونَ ﴿١٥﴾
(अल्लाह ने) फरमाया : ऐसा कभी नहीं होगा, अतः तुम दोनों हमारी निशानियों के साथ जाओ। निःसंदेह हम तुम्हारे साथ ख़ूब सुनने[5] वाले हैं।
فَأۡتِیَا فِرۡعَوۡنَ فَقُولَاۤ إِنَّا رَسُولُ رَبِّ ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿١٦﴾
तो तुम दोनों फ़िरऔन के पास जाओ और कहो कि निःसंदेह हम सारे संसारों के पालनहार के संदेशवाहक हैं।
قَالَ أَلَمۡ نُرَبِّكَ فِینَا وَلِیدࣰا وَلَبِثۡتَ فِینَا مِنۡ عُمُرِكَ سِنِینَ ﴿١٨﴾
(फ़िरऔन ने) कहा : क्या हमने तुझे अपने यहाँ इस हाल में नहीं पाला कि तू बच्चा था और तू हमारे बीच अपनी आयु के कई वर्ष रहा?
وَفَعَلۡتَ فَعۡلَتَكَ ٱلَّتِی فَعَلۡتَ وَأَنتَ مِنَ ٱلۡكَـٰفِرِینَ ﴿١٩﴾
और तूने अपना वह काम[6] किया, जो तूने किया। और तू अकृतज्ञों में से है।
قَالَ فَعَلۡتُهَاۤ إِذࣰا وَأَنَا۠ مِنَ ٱلضَّاۤلِّینَ ﴿٢٠﴾
(मूसा ने) कहा : मैंने उस समय वह काम इस हाल में किया कि मैं अनजानों में से था।
فَفَرَرۡتُ مِنكُمۡ لَمَّا خِفۡتُكُمۡ فَوَهَبَ لِی رَبِّی حُكۡمࣰا وَجَعَلَنِی مِنَ ٱلۡمُرۡسَلِینَ ﴿٢١﴾
फिर मैं तुम्हारे पास से भाग गया, जब मैं तुमसे डरा, तो मेरे पालनहार ने मुझे हुक्म (नुबुव्वत एवं ज्ञान) प्रदान किया और मुझे रसूलों में से बना दिया।
وَتِلۡكَ نِعۡمَةࣱ تَمُنُّهَا عَلَیَّ أَنۡ عَبَّدتَّ بَنِیۤ إِسۡرَ ٰۤءِیلَ ﴿٢٢﴾
और यह कोई उपकार है, जो तू मुझपर जता रहा है कि तूने बनी इसराईल काे ग़ुलाम बना रखा है।
قَالَ فِرۡعَوۡنُ وَمَا رَبُّ ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿٢٣﴾
फ़िरऔन ने कहा : और 'रब्बुल-आलमीन' (सारे संसारों का पालनहार) क्या है?
قَالَ رَبُّ ٱلسَّمَـٰوَ ٰتِ وَٱلۡأَرۡضِ وَمَا بَیۡنَهُمَاۤۖ إِن كُنتُم مُّوقِنِینَ ﴿٢٤﴾
(मूसा ने) कहा : जो आकाशों और धरती का रब है और जो उनके बीच है उसका भी, यदि तुम विश्वास करने वाले हो।
قَالَ لِمَنۡ حَوۡلَهُۥۤ أَلَا تَسۡتَمِعُونَ ﴿٢٥﴾
उसने अपने आस-पास के लोगों से कहा : क्या तुम सुनते नहीं?
قَالَ رَبُّكُمۡ وَرَبُّ ءَابَاۤىِٕكُمُ ٱلۡأَوَّلِینَ ﴿٢٦﴾
(मूसा ने) कहा : जो तुम्हारा पालनहार तथा तुम्हारे पहले बाप-दादा का पालनहार है।
قَالَ إِنَّ رَسُولَكُمُ ٱلَّذِیۤ أُرۡسِلَ إِلَیۡكُمۡ لَمَجۡنُونࣱ ﴿٢٧﴾
(फ़िरऔन ने) कहा : निश्चय तुम्हारा यह रसूल, जो तुम्हारी ओर भेजा गया है, अवश्य पागल है।
قَالَ رَبُّ ٱلۡمَشۡرِقِ وَٱلۡمَغۡرِبِ وَمَا بَیۡنَهُمَاۤۖ إِن كُنتُمۡ تَعۡقِلُونَ ﴿٢٨﴾
(मूसा ने) कहा : जो पूर्व तथा पश्चिम रब है और उसका भी जो उन दोनों के बीच है, अगर तुम समझते हो।
قَالَ لَىِٕنِ ٱتَّخَذۡتَ إِلَـٰهًا غَیۡرِی لَأَجۡعَلَنَّكَ مِنَ ٱلۡمَسۡجُونِینَ ﴿٢٩﴾
(फ़िरऔन ने) कहा : निश्चय यदि तूने मेरे अलावा किसी और को पूज्य बनाया, तो मैं तुझे अवश्य ही बंदी बनाए हुए लोगों में शामिल कर दूँगा।
قَالَ أَوَلَوۡ جِئۡتُكَ بِشَیۡءࣲ مُّبِینࣲ ﴿٣٠﴾
(मूसा ने) कहा : क्या भले ही मैं तेरे पास कोई स्पष्ट चीज़ ले आऊँ?
قَالَ فَأۡتِ بِهِۦۤ إِن كُنتَ مِنَ ٱلصَّـٰدِقِینَ ﴿٣١﴾
उसने कहा : तू उसे ले आ, यदि तू सच्चे लोगों में से है।
فَأَلۡقَىٰ عَصَاهُ فَإِذَا هِیَ ثُعۡبَانࣱ مُّبِینࣱ ﴿٣٢﴾
फिर उसने अपनी लाठी फेंक दी, तो अचानक वह एक प्रत्यक्ष अजगर बन गई।
وَنَزَعَ یَدَهُۥ فَإِذَا هِیَ بَیۡضَاۤءُ لِلنَّـٰظِرِینَ ﴿٣٣﴾
तथा उसने अपना हाथ निकाला, तो एकाएक वह देखने वालों के लिए सफेद (चमकदार) था।
قَالَ لِلۡمَلَإِ حَوۡلَهُۥۤ إِنَّ هَـٰذَا لَسَـٰحِرٌ عَلِیمࣱ ﴿٣٤﴾
उसने अपने आस-पास के प्रमुखों से कहा : निश्चय यह तो एक बड़ा कुशल जादूगर है।
یُرِیدُ أَن یُخۡرِجَكُم مِّنۡ أَرۡضِكُم بِسِحۡرِهِۦ فَمَاذَا تَأۡمُرُونَ ﴿٣٥﴾
जो चाहता है कि अपने जादू के साथ तुम्हें तुम्हारी धरती से निकाल[7] दे। तो तुम क्या आदेश देते हो?
قَالُوۤاْ أَرۡجِهۡ وَأَخَاهُ وَٱبۡعَثۡ فِی ٱلۡمَدَاۤىِٕنِ حَـٰشِرِینَ ﴿٣٦﴾
उन्होंने कहा : इसके तथा इसके भाई को मोहलत दें और नगरों में (लोगों को) जमा करने वालों को भेज दें।
یَأۡتُوكَ بِكُلِّ سَحَّارٍ عَلِیمࣲ ﴿٣٧﴾
कि वे तेरे पास हर बड़ा जादूगर ले आएँ, जो जादू में बहुत कुशल हो।
فَجُمِعَ ٱلسَّحَرَةُ لِمِیقَـٰتِ یَوۡمࣲ مَّعۡلُومࣲ ﴿٣٨﴾
तो जादूगर एक निश्चित दिन के नियत समय पर इकट्ठा कर लिए गए।
وَقِیلَ لِلنَّاسِ هَلۡ أَنتُم مُّجۡتَمِعُونَ ﴿٣٩﴾
तथा लोगों से कहा गया : क्या तुम एकत्र होने वाले[8] हो?
لَعَلَّنَا نَتَّبِعُ ٱلسَّحَرَةَ إِن كَانُواْ هُمُ ٱلۡغَـٰلِبِینَ ﴿٤٠﴾
शायद हम इन जादूगरों के अनुयायी बन जाएँ, यदि वही विजयी हों।
فَلَمَّا جَاۤءَ ٱلسَّحَرَةُ قَالُواْ لِفِرۡعَوۡنَ أَىِٕنَّ لَنَا لَأَجۡرًا إِن كُنَّا نَحۡنُ ٱلۡغَـٰلِبِینَ ﴿٤١﴾
फिर जब जादूगर आ गए, तो उन्होंने फ़िरऔन से कहा : क्या सचमुच हमें कुछ पुरस्कार मिलेगा, यदि हम ही प्रभावी रहे?
قَالَ نَعَمۡ وَإِنَّكُمۡ إِذࣰا لَّمِنَ ٱلۡمُقَرَّبِینَ ﴿٤٢﴾
उसने कहा : हाँ! और निश्चय तुम उस समय निकटवर्तियों में से हो जाओगे ।
قَالَ لَهُم مُّوسَىٰۤ أَلۡقُواْ مَاۤ أَنتُم مُّلۡقُونَ ﴿٤٣﴾
मूसा ने उनसे कहा : फेंको, जो कुछ तुम फेंकने वाले हो।
فَأَلۡقَوۡاْ حِبَالَهُمۡ وَعِصِیَّهُمۡ وَقَالُواْ بِعِزَّةِ فِرۡعَوۡنَ إِنَّا لَنَحۡنُ ٱلۡغَـٰلِبُونَ ﴿٤٤﴾
तो उन्होंने अपनी रस्सियाँ और लाठियाँ फेंकीं और कहा : फ़िरऔन के प्रभुत्व की सौगंध! निःसंदेह हम, निश्चय हम ही विजयी रहेंगे।
فَأَلۡقَىٰ مُوسَىٰ عَصَاهُ فَإِذَا هِیَ تَلۡقَفُ مَا یَأۡفِكُونَ ﴿٤٥﴾
फिर मूसा ने अपनी लाठी फेंकी, तो एकाएक वह उन चीज़ों को निगल रही थी, जो वे झूठ बना रहे थे।
فَأُلۡقِیَ ٱلسَّحَرَةُ سَـٰجِدِینَ ﴿٤٦﴾
इसपर जादूगर सजदा करते हुए गिर गए।[9]
قَالُوۤاْ ءَامَنَّا بِرَبِّ ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿٤٧﴾
उन्होंने कहा : हम सारे संसारों के पालनहार पर ईमान ले आए।
قَالَ ءَامَنتُمۡ لَهُۥ قَبۡلَ أَنۡ ءَاذَنَ لَكُمۡۖ إِنَّهُۥ لَكَبِیرُكُمُ ٱلَّذِی عَلَّمَكُمُ ٱلسِّحۡرَ فَلَسَوۡفَ تَعۡلَمُونَۚ لَأُقَطِّعَنَّ أَیۡدِیَكُمۡ وَأَرۡجُلَكُم مِّنۡ خِلَـٰفࣲ وَلَأُصَلِّبَنَّكُمۡ أَجۡمَعِینَ ﴿٤٩﴾
(फ़िरऔन ने) कहा : तुम उसपर ईमान ले आए, इससे पहले कि मैं तुम्हें अनुमति दूँ? निःसंदेह यह अवश्य तुम्हारा बड़ा (गुरू) है, जिसने तुम्हें जादू सिखाया है। अतः निश्चय तुम जल्दी जान लोगे। मैं अवश्य तुम्हारे हाथ और तुम्हारे पाँव विपरीत दिशा[10] से काट दूँगा तथा निश्चय तुम सभी को अवश्य बुरी तरह सूली पर चढ़ा दूँगा।
قَالُواْ لَا ضَیۡرَۖ إِنَّاۤ إِلَىٰ رَبِّنَا مُنقَلِبُونَ ﴿٥٠﴾
उन्होंने कहा : कोई नुक़सान नहीं, निश्चित रूप से हम अपने पालनहार की ओर पलटने वाले हैं।
إِنَّا نَطۡمَعُ أَن یَغۡفِرَ لَنَا رَبُّنَا خَطَـٰیَـٰنَاۤ أَن كُنَّاۤ أَوَّلَ ٱلۡمُؤۡمِنِینَ ﴿٥١﴾
हम आशा रखते हैं कि हमारा पालनहार हमारे लिए, हमारे पापों को क्षमा कर देगा, इस कारण कि हम सबसे पहले ईमान लाने वाले हैं।
۞ وَأَوۡحَیۡنَاۤ إِلَىٰ مُوسَىٰۤ أَنۡ أَسۡرِ بِعِبَادِیۤ إِنَّكُم مُّتَّبَعُونَ ﴿٥٢﴾
और हमने मूसा की ओर वह़्य की कि मेरे बंदों को लेकर रातों-रात निकल जा। निश्चय ही तुम्हारा पीछा किया जाएगा।
فَأَرۡسَلَ فِرۡعَوۡنُ فِی ٱلۡمَدَاۤىِٕنِ حَـٰشِرِینَ ﴿٥٣﴾
तो फ़िरऔन ने नगरों में (सेना) एकत्र करने वालों को भेज दिया।[11]
كَذَ ٰلِكَۖ وَأَوۡرَثۡنَـٰهَا بَنِیۤ إِسۡرَ ٰۤءِیلَ ﴿٥٩﴾
ऐसा ही हुआ और हमने उनका वारिस बनी इसराईल को बना दिया।
فَلَمَّا تَرَ ٰۤءَا ٱلۡجَمۡعَانِ قَالَ أَصۡحَـٰبُ مُوسَىٰۤ إِنَّا لَمُدۡرَكُونَ ﴿٦١﴾
फिर जब दोनों गिरोहों ने एक-दूसरे को देखा, तो मूसा के साथियों ने कहा : निःसंदेह हम निश्चय ही पकड़े जाने[12) वाले हैं।
قَالَ كَلَّاۤۖ إِنَّ مَعِیَ رَبِّی سَیَهۡدِینِ ﴿٦٢﴾
(मूसा ने) कहा : हरगिज़ नहीं! निश्चय मेरे साथ मेरा पालनहार है। वह अवश्य मेरा मार्गदर्शन करेगा।
فَأَوۡحَیۡنَاۤ إِلَىٰ مُوسَىٰۤ أَنِ ٱضۡرِب بِّعَصَاكَ ٱلۡبَحۡرَۖ فَٱنفَلَقَ فَكَانَ كُلُّ فِرۡقࣲ كَٱلطَّوۡدِ ٱلۡعَظِیمِ ﴿٦٣﴾
तो हमने मूसा की ओर वह़्य की कि अपनी लाठी को सागर पर मारो। (उसने लाठी मारी) तो वह फट गया और हर टुकड़ा बड़े पहाड़ की[13] तरह हो गया।
وَأَنجَیۡنَا مُوسَىٰ وَمَن مَّعَهُۥۤ أَجۡمَعِینَ ﴿٦٥﴾
और हमने मूसा को और जो उसके साथ थे, सबको बचा लिया।
إِنَّ فِی ذَ ٰلِكَ لَـَٔایَةࣰۖ وَمَا كَانَ أَكۡثَرُهُم مُّؤۡمِنِینَ ﴿٦٧﴾
निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर लोग ईमान लाने वाले नहीं थे।
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ ٱلۡعَزِیزُ ٱلرَّحِیمُ ﴿٦٨﴾
और निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् हैl
إِذۡ قَالَ لِأَبِیهِ وَقَوۡمِهِۦ مَا تَعۡبُدُونَ ﴿٧٠﴾
जब उसने अपने बाप तथा अपनी जाति से कहा : तुम किसकी पूजा करते हो?
قَالُواْ نَعۡبُدُ أَصۡنَامࣰا فَنَظَلُّ لَهَا عَـٰكِفِینَ ﴿٧١﴾
उन्होंने कहा : हम कुछ मूर्तियों की पूजा करते हैं, इसलिए उन्हीं की सेवा में लगे रहते हैं।
قَالَ هَلۡ یَسۡمَعُونَكُمۡ إِذۡ تَدۡعُونَ ﴿٧٢﴾
उसने कहा : क्या वे तुम्हें सुनते हैं, जब तुम (उन्हें) पुकारते हो?
قَالُواْ بَلۡ وَجَدۡنَاۤ ءَابَاۤءَنَا كَذَ ٰلِكَ یَفۡعَلُونَ ﴿٧٤﴾
उन्होंने कहा : बल्कि हमने अपने बाप-दादा को पाया कि वे ऐसा ही करते थे।
قَالَ أَفَرَءَیۡتُم مَّا كُنتُمۡ تَعۡبُدُونَ ﴿٧٥﴾
उसने कहा : तो क्या तुमने देखा कि जिनको तुम पूजते रहे।
فَإِنَّهُمۡ عَدُوࣱّ لِّیۤ إِلَّا رَبَّ ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿٧٧﴾
सो निःसंदेह वे मेरे शत्रु हैं, सिवाय सारे संसारों के पालनहार के।
وَٱلَّذِی یُمِیتُنِی ثُمَّ یُحۡیِینِ ﴿٨١﴾
तथा वह जो मुझे मारेगा, फिर[14] मुझे जीवित करेगा।
وَٱلَّذِیۤ أَطۡمَعُ أَن یَغۡفِرَ لِی خَطِیۤـَٔتِی یَوۡمَ ٱلدِّینِ ﴿٨٢﴾
तथा वह, जिससे मैं आशा रखता हूँ कि वह बदले के दिन मेरे पाप क्षमा कर देगा।
رَبِّ هَبۡ لِی حُكۡمࣰا وَأَلۡحِقۡنِی بِٱلصَّـٰلِحِینَ ﴿٨٣﴾
ऐ मेरे पालनहार! मुझे हुक्म (धर्म का ज्ञान) प्रदान कर और मुझे नेक लोगों के साथ मिला।
وَٱجۡعَل لِّی لِسَانَ صِدۡقࣲ فِی ٱلۡـَٔاخِرِینَ ﴿٨٤﴾
और बाद में आने वालों में मुझे सच्ची ख्याति प्रदान कर।
وَٱجۡعَلۡنِی مِن وَرَثَةِ جَنَّةِ ٱلنَّعِیمِ ﴿٨٥﴾
और मुझे नेमतों वाली जन्नत के वारिसों में से बना दे।
وَٱغۡفِرۡ لِأَبِیۤ إِنَّهُۥ كَانَ مِنَ ٱلضَّاۤلِّینَ ﴿٨٦﴾
तथा मेरे बाप को क्षमा कर दे।[15] निश्चय वह गुमराहों में से था।
وَلَا تُخۡزِنِی یَوۡمَ یُبۡعَثُونَ ﴿٨٧﴾
तथा मुझे रुसवा न कर, जिस दिन लोग उठाए जाएँगे।[16]
وَقِیلَ لَهُمۡ أَیۡنَ مَا كُنتُمۡ تَعۡبُدُونَ ﴿٩٢﴾
तथा उनसे कहा जाएगा : कहाँ हैं वे, जिन्हें तुम पूजते थे?
مِن دُونِ ٱللَّهِ هَلۡ یَنصُرُونَكُمۡ أَوۡ یَنتَصِرُونَ ﴿٩٣﴾
अल्लाह के सिवा। क्या वे तुम्हारी मदद करते हैं, या अपनी रक्षा करते हैं?
فَكُبۡكِبُواْ فِیهَا هُمۡ وَٱلۡغَاوُۥنَ ﴿٩٤﴾
फिर वे और सब पथभ्रष्ट लोग उसमें औंधे मुँह फेंक दिए जाएँगे।
تَٱللَّهِ إِن كُنَّا لَفِی ضَلَـٰلࣲ مُّبِینٍ ﴿٩٧﴾
अल्लाह की क़सम! निःसंदेह हम निश्चय खुली गुमराही में थे।
إِذۡ نُسَوِّیكُم بِرَبِّ ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿٩٨﴾
जब हम तुम्हें सारे संसारों के पालनहार के बराबर ठहराते थे।
فَلَوۡ أَنَّ لَنَا كَرَّةࣰ فَنَكُونَ مِنَ ٱلۡمُؤۡمِنِینَ ﴿١٠٢﴾
तो यदि वास्तव में हमारे लिए वापस जाने का अवसर होता, तो हम ईमानवालों में से हो जाते।[17]
إِنَّ فِی ذَ ٰلِكَ لَـَٔایَةࣰۖ وَمَا كَانَ أَكۡثَرُهُم مُّؤۡمِنِینَ ﴿١٠٣﴾
निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर ईमानवाले नहीं थे।
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ ٱلۡعَزِیزُ ٱلرَّحِیمُ ﴿١٠٤﴾
और निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली,[18] अत्यंत दयावान् हैl
إِذۡ قَالَ لَهُمۡ أَخُوهُمۡ نُوحٌ أَلَا تَتَّقُونَ ﴿١٠٦﴾
जब उनसे उनके भाई नूह़ ने कहा : क्या तुम डरते नहीं?
إِنِّی لَكُمۡ رَسُولٌ أَمِینࣱ ﴿١٠٧﴾
निःसंदेह मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ।[19]
وَمَاۤ أَسۡـَٔلُكُمۡ عَلَیۡهِ مِنۡ أَجۡرٍۖ إِنۡ أَجۡرِیَ إِلَّا عَلَىٰ رَبِّ ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿١٠٩﴾
मैं इस (कार्य) पर तुमसे कोई पारिश्रमिक (बदला) नहीं माँगता। मेरा बदला तो केवल सारे संसारों के पालनहार पर है।
۞ قَالُوۤاْ أَنُؤۡمِنُ لَكَ وَٱتَّبَعَكَ ٱلۡأَرۡذَلُونَ ﴿١١١﴾
उन्होंने कहा : क्या हम तुझपर ईमान ले आएँ, जबकि तेरे पीछे चलने वाले अत्यंत नीच[20] लोग हैं?
قَالَ وَمَا عِلۡمِی بِمَا كَانُواْ یَعۡمَلُونَ ﴿١١٢﴾
(नूह़ ने) कहा : मूझे क्या मालूम कि वे क्या कर्म करते रहे हैं?
إِنۡ حِسَابُهُمۡ إِلَّا عَلَىٰ رَبِّیۖ لَوۡ تَشۡعُرُونَ ﴿١١٣﴾
उनका ह़िसाब तो मेरे पालनहार ही के ज़िम्मे है, यदि तुम समझो।
وَمَاۤ أَنَا۠ بِطَارِدِ ٱلۡمُؤۡمِنِینَ ﴿١١٤﴾
और मैं ईमान वालों को धुतकारने वाला[21] नहीं हूँ।
قَالُواْ لَىِٕن لَّمۡ تَنتَهِ یَـٰنُوحُ لَتَكُونَنَّ مِنَ ٱلۡمَرۡجُومِینَ ﴿١١٦﴾
उन्होंने कहा : ऐ नूह़! यदि तू बाज़ नहीं आया, तो अवश्य संगसार किए गए लोगों में से हो जाएगा।
قَالَ رَبِّ إِنَّ قَوۡمِی كَذَّبُونِ ﴿١١٧﴾
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! निःसंदेह मेरी जाति ने मुझे झुठला दिया!
فَٱفۡتَحۡ بَیۡنِی وَبَیۡنَهُمۡ فَتۡحࣰا وَنَجِّنِی وَمَن مَّعِیَ مِنَ ٱلۡمُؤۡمِنِینَ ﴿١١٨﴾
अतः तू मेरे और उनके बीच दो-टूक निर्णय कर दे, तथा मुझे और जो ईमानवाले मेरे साथ हैं, उन्हें बचा ले।
فَأَنجَیۡنَـٰهُ وَمَن مَّعَهُۥ فِی ٱلۡفُلۡكِ ٱلۡمَشۡحُونِ ﴿١١٩﴾
तो हमने उसे और उन लोगों को जो उसके साथ भरी हुई नाव में थे, बचा लिया।
إِنَّ فِی ذَ ٰلِكَ لَـَٔایَةࣰۖ وَمَا كَانَ أَكۡثَرُهُم مُّؤۡمِنِینَ ﴿١٢١﴾
निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर ईमानवाले नहीं थे।
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ ٱلۡعَزِیزُ ٱلرَّحِیمُ ﴿١٢٢﴾
और निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् है।
إِذۡ قَالَ لَهُمۡ أَخُوهُمۡ هُودٌ أَلَا تَتَّقُونَ ﴿١٢٤﴾
जब उनसे उनके भाई हूद[22] ने कहा : क्या तुम डरते नहीं हो?
وَمَاۤ أَسۡـَٔلُكُمۡ عَلَیۡهِ مِنۡ أَجۡرٍۖ إِنۡ أَجۡرِیَ إِلَّا عَلَىٰ رَبِّ ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿١٢٧﴾
मैं इस (कार्य) पर तुमसे कोई पारिश्रमिक (बदला) नहीं माँगता, मेरा बदला तो केवल सारे संसारों के पालनहार पर है।
أَتَبۡنُونَ بِكُلِّ رِیعٍ ءَایَةࣰ تَعۡبَثُونَ ﴿١٢٨﴾
क्या तुम हर ऊँचे स्थान पर एक स्मारक बनाते हो? इस स्थिति में कि व्यर्थ कार्य करते हो।
وَتَتَّخِذُونَ مَصَانِعَ لَعَلَّكُمۡ تَخۡلُدُونَ ﴿١٢٩﴾
तथा बड़े-बड़े भवन बनाते हो, शायद कि तुम सदा जीवित रहोगे।
وَٱتَّقُواْ ٱلَّذِیۤ أَمَدَّكُم بِمَا تَعۡلَمُونَ ﴿١٣٢﴾
तथा उससे डरो जिसने उन चीज़ों से तुम्हारी मदद की, जिन्हें तुम जानते हो।
إِنِّیۤ أَخَافُ عَلَیۡكُمۡ عَذَابَ یَوۡمٍ عَظِیمࣲ ﴿١٣٥﴾
निश्चय ही मैं तुमपर एक बड़े दिन की यातना से डरता हूँ।
قَالُواْ سَوَاۤءٌ عَلَیۡنَاۤ أَوَعَظۡتَ أَمۡ لَمۡ تَكُن مِّنَ ٱلۡوَ ٰعِظِینَ ﴿١٣٦﴾
उन्होंने कहा : हमारे लिए बराबर है कि तू नसीहत करे, या नसीहत करने वालों में से हो।
إِنۡ هَـٰذَاۤ إِلَّا خُلُقُ ٱلۡأَوَّلِینَ ﴿١٣٧﴾
यह तो केवल पहले लोगों की आदत है।[23]
فَكَذَّبُوهُ فَأَهۡلَكۡنَـٰهُمۡۚ إِنَّ فِی ذَ ٰلِكَ لَـَٔایَةࣰۖ وَمَا كَانَ أَكۡثَرُهُم مُّؤۡمِنِینَ ﴿١٣٩﴾
तो उन्होंने उसे झुठला दिया, तो हमने उन्हें विनष्ट कर दिया। निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर लोग ईमानवाले नहीं थे।
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ ٱلۡعَزِیزُ ٱلرَّحِیمُ ﴿١٤٠﴾
तथा निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् है।
كَذَّبَتۡ ثَمُودُ ٱلۡمُرۡسَلِینَ ﴿١٤١﴾
समूद ने रसूलों[24] को झुठलाया।
إِذۡ قَالَ لَهُمۡ أَخُوهُمۡ صَـٰلِحٌ أَلَا تَتَّقُونَ ﴿١٤٢﴾
जब उनसे उनके भाई सालेह़ ने कहा : क्या तुम डरते नहीं हो?
وَمَاۤ أَسۡـَٔلُكُمۡ عَلَیۡهِ مِنۡ أَجۡرٍۖ إِنۡ أَجۡرِیَ إِلَّا عَلَىٰ رَبِّ ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿١٤٥﴾
मैं इसपर तुमसे कोई पारिश्रमिक (बदला) नहीं माँगता। मेरा बदला तो केवल सारे संसारों के पालनहार पर है।
أَتُتۡرَكُونَ فِی مَا هَـٰهُنَاۤ ءَامِنِینَ ﴿١٤٦﴾
क्या तुम उन चीज़ों में जो यहाँ हैं, निश्चिंत छोड़ दिए जाओगे?
وَزُرُوعࣲ وَنَخۡلࣲ طَلۡعُهَا هَضِیمࣱ ﴿١٤٨﴾
तथा खेतों और खजूर के पेड़ों में, जिनके फल मुलायम और पके हुए हैं।
وَتَنۡحِتُونَ مِنَ ٱلۡجِبَالِ بُیُوتࣰا فَـٰرِهِینَ ﴿١٤٩﴾
तथा तुम पर्वतों को काटकर बड़ी निपुणता के साथ घर बनाते हो।
ٱلَّذِینَ یُفۡسِدُونَ فِی ٱلۡأَرۡضِ وَلَا یُصۡلِحُونَ ﴿١٥٢﴾
जो धरती में बिगाड़ पैदा करते हैं और सुधार नहीं करते।
قَالُوۤاْ إِنَّمَاۤ أَنتَ مِنَ ٱلۡمُسَحَّرِینَ ﴿١٥٣﴾
उन्होंने कहा : निःसंदेह तू उन लोगों में से है जिनपर प्रबल जादू किया गया है।
مَاۤ أَنتَ إِلَّا بَشَرࣱ مِّثۡلُنَا فَأۡتِ بِـَٔایَةٍ إِن كُنتَ مِنَ ٱلصَّـٰدِقِینَ ﴿١٥٤﴾
तू तो बस हमारे ही जैसा एक मनुष्य है। अतः कोई निशानी ले आ, यदि तू सच्चों में से है।
قَالَ هَـٰذِهِۦ نَاقَةࣱ لَّهَا شِرۡبࣱ وَلَكُمۡ شِرۡبُ یَوۡمࣲ مَّعۡلُومࣲ ﴿١٥٥﴾
उसने कहा : यह एक ऊँटनी[25] है। इसके लिए पानी पीने की एक बारी है और तुम्हारे लिए एक निश्चित दिन पानी पीने की बारी है।
وَلَا تَمَسُّوهَا بِسُوۤءࣲ فَیَأۡخُذَكُمۡ عَذَابُ یَوۡمٍ عَظِیمࣲ ﴿١٥٦﴾
तथा उसे किसी बुराई से हाथ न लगाना, अन्यथा तुम्हें एक बड़े दिन की यातना पकड़ लेगी।
فَعَقَرُوهَا فَأَصۡبَحُواْ نَـٰدِمِینَ ﴿١٥٧﴾
तो उन्होंने उसकी कूँचें काट दीं, फिर पछताने वाले हो गए।
فَأَخَذَهُمُ ٱلۡعَذَابُۚ إِنَّ فِی ذَ ٰلِكَ لَـَٔایَةࣰۖ وَمَا كَانَ أَكۡثَرُهُم مُّؤۡمِنِینَ ﴿١٥٨﴾
तो उन्हें यातना ने पकड़ लिया। निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर ईमानवाले नहीं थे।
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ ٱلۡعَزِیزُ ٱلرَّحِیمُ ﴿١٥٩﴾
और निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् है।
إِذۡ قَالَ لَهُمۡ أَخُوهُمۡ لُوطٌ أَلَا تَتَّقُونَ ﴿١٦١﴾
जब उनके भाई लूत ने उनसे कहा : क्या तुम डरते नहीं हो?
وَمَاۤ أَسۡـَٔلُكُمۡ عَلَیۡهِ مِنۡ أَجۡرٍۖ إِنۡ أَجۡرِیَ إِلَّا عَلَىٰ رَبِّ ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿١٦٤﴾
मैं इस (कार्य) पर तुमसे कोई पारिश्रमिक (बदला) नहीं माँगता, मेरा बदला तो केवल सारे संसारों के पालनहार पर है।
أَتَأۡتُونَ ٱلذُّكۡرَانَ مِنَ ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿١٦٥﴾
क्या सभी संसारों में से तुम पुरुषों के पास आते[26] हो।
وَتَذَرُونَ مَا خَلَقَ لَكُمۡ رَبُّكُم مِّنۡ أَزۡوَ ٰجِكُمۚ بَلۡ أَنتُمۡ قَوۡمٌ عَادُونَ ﴿١٦٦﴾
तथा उन्हें छोड़ देते हो, जो तुम्हारे पालनहार ने तुम्हारे लिए तुम्हारी पत्नियाँ पैदा की हैं। बल्कि तुम हद से आगे बढ़ने वाले लोग हो।
قَالُواْ لَىِٕن لَّمۡ تَنتَهِ یَـٰلُوطُ لَتَكُونَنَّ مِنَ ٱلۡمُخۡرَجِینَ ﴿١٦٧﴾
उन्होंने कहा : ऐ लूत! निःसंदेह यदि तू नहीं रुका, तो निश्चित रूप से तू अवश्य निष्कासित लोगों में से हो जाएगा।
قَالَ إِنِّی لِعَمَلِكُم مِّنَ ٱلۡقَالِینَ ﴿١٦٨﴾
उसने कहा : निःसंदेह मैं तुम्हारे काम से सख़्त घृणा करने वालों में से हूँ।
رَبِّ نَجِّنِی وَأَهۡلِی مِمَّا یَعۡمَلُونَ ﴿١٦٩﴾
ऐ मेरे पालनहार! मुझे तथा मेरे घर वालों को उससे बचा ले, जो ये करते हैं।
إِلَّا عَجُوزࣰا فِی ٱلۡغَـٰبِرِینَ ﴿١٧١﴾
सिवाय एक बुढ़िया[27] के, जो पीछे रहने वालों में से थी।
وَأَمۡطَرۡنَا عَلَیۡهِم مَّطَرࣰاۖ فَسَاۤءَ مَطَرُ ٱلۡمُنذَرِینَ ﴿١٧٣﴾
और हमने उनपर ज़ोरदार बारिश[28] बरसाई। तो उन लोगों की बारिश बहुत बुरी थी, जिन्हें डराया गया था।
إِنَّ فِی ذَ ٰلِكَ لَـَٔایَةࣰۖ وَمَا كَانَ أَكۡثَرُهُم مُّؤۡمِنِینَ ﴿١٧٤﴾
निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर ईमानवाले नहीं थे।
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ ٱلۡعَزِیزُ ٱلرَّحِیمُ ﴿١٧٥﴾
और निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् है।
كَذَّبَ أَصۡحَـٰبُ لۡـَٔیۡكَةِ ٱلۡمُرۡسَلِینَ ﴿١٧٦﴾
ऐका[29] वालों ने रसूलों को झुठलाया।
وَمَاۤ أَسۡـَٔلُكُمۡ عَلَیۡهِ مِنۡ أَجۡرٍۖ إِنۡ أَجۡرِیَ إِلَّا عَلَىٰ رَبِّ ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿١٨٠﴾
मैं इस (कार्य) पर तुमसे कोई पारिश्रमिक (बदला) नहीं माँगता, मेरा बदला तो केवल सारे संसारों के पालनहार पर है।
۞ أَوۡفُواْ ٱلۡكَیۡلَ وَلَا تَكُونُواْ مِنَ ٱلۡمُخۡسِرِینَ ﴿١٨١﴾
नाप पूरा दो और कम देने वालों में से न बनो।
وَلَا تَبۡخَسُواْ ٱلنَّاسَ أَشۡیَاۤءَهُمۡ وَلَا تَعۡثَوۡاْ فِی ٱلۡأَرۡضِ مُفۡسِدِینَ ﴿١٨٣﴾
और लाेगों को उनका सामान कम न दो। और धरती में उपद्रव फैलाते मत फिरो।
وَٱتَّقُواْ ٱلَّذِی خَلَقَكُمۡ وَٱلۡجِبِلَّةَ ٱلۡأَوَّلِینَ ﴿١٨٤﴾
और उससे डरो, जिसने तुम्हें तथा पहले लोगों को पैदा किया है।
قَالُوۤاْ إِنَّمَاۤ أَنتَ مِنَ ٱلۡمُسَحَّرِینَ ﴿١٨٥﴾
उन्होंने कहा : निःसंदेह तू तो उन लोगों में से है जिनपर ताक़तवर जादू किया गया है।
وَمَاۤ أَنتَ إِلَّا بَشَرࣱ مِّثۡلُنَا وَإِن نَّظُنُّكَ لَمِنَ ٱلۡكَـٰذِبِینَ ﴿١٨٦﴾
और तू तो बस हमारे ही जैसा एक मनुष्य[30] है और निःसंदेह हम तो तुझे झूठों में से समझते हैं।
فَأَسۡقِطۡ عَلَیۡنَا كِسَفࣰا مِّنَ ٱلسَّمَاۤءِ إِن كُنتَ مِنَ ٱلصَّـٰدِقِینَ ﴿١٨٧﴾
तो हम पर आसमान से कुछ टुकड़े गिरा दे, यदि तू सच्चों में से है।
قَالَ رَبِّیۤ أَعۡلَمُ بِمَا تَعۡمَلُونَ ﴿١٨٨﴾
उसने कहा : मेरा पालनहार अधिक जानने वाला है जो कुछ तुम कर रहे हो।
فَكَذَّبُوهُ فَأَخَذَهُمۡ عَذَابُ یَوۡمِ ٱلظُّلَّةِۚ إِنَّهُۥ كَانَ عَذَابَ یَوۡمٍ عَظِیمٍ ﴿١٨٩﴾
चुनाँचे उन्होंने उसे झुठला दिया। तो उन्हें छाया[31] के दिन की यातना ने पकड़ लिया। निश्चय वह एक बड़े दिन की यातना थी।
إِنَّ فِی ذَ ٰلِكَ لَـَٔایَةࣰۖ وَمَا كَانَ أَكۡثَرُهُم مُّؤۡمِنِینَ ﴿١٩٠﴾
निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर ईमानवाले नहीं थे।
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ ٱلۡعَزِیزُ ٱلرَّحِیمُ ﴿١٩١﴾
और निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् है।
وَإِنَّهُۥ لَتَنزِیلُ رَبِّ ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿١٩٢﴾
तथा निःसंदेह, यह (क़ुरआन) निश्चय सारे संसारों के पालनहार का उतारा हुआ है।
نَزَلَ بِهِ ٱلرُّوحُ ٱلۡأَمِینُ ﴿١٩٣﴾
इसे रूह़ुल-अमीन[32] (अत्यंत विश्वसनीय फ़रिश्ता) लेकर उतरा है।
عَلَىٰ قَلۡبِكَ لِتَكُونَ مِنَ ٱلۡمُنذِرِینَ ﴿١٩٤﴾
आपके दिल पर, ताकि आप सावधान करने वालों में से हो जाएँ।
وَإِنَّهُۥ لَفِی زُبُرِ ٱلۡأَوَّلِینَ ﴿١٩٦﴾
तथा निःसंदेह यह निश्चित रूप से पहले लोगों की पुस्तकों में मौजूद है।[33]
أَوَلَمۡ یَكُن لَّهُمۡ ءَایَةً أَن یَعۡلَمَهُۥ عُلَمَـٰۤؤُاْ بَنِیۤ إِسۡرَ ٰۤءِیلَ ﴿١٩٧﴾
क्या उनके लिए यह एक निशानी न थी है कि इसे बनी इसराईल के विद्वान[34] जानते हैं।
وَلَوۡ نَزَّلۡنَـٰهُ عَلَىٰ بَعۡضِ ٱلۡأَعۡجَمِینَ ﴿١٩٨﴾
और यदि हम इसे ग़ैर-अरब[35] लोगों में से किसी पर उतार देते।
فَقَرَأَهُۥ عَلَیۡهِم مَّا كَانُواْ بِهِۦ مُؤۡمِنِینَ ﴿١٩٩﴾
फिर वह इसे उनके सामने पढ़ता, तो भी वे उसपर ईमान लाने वाले न होते।[36]
كَذَ ٰلِكَ سَلَكۡنَـٰهُ فِی قُلُوبِ ٱلۡمُجۡرِمِینَ ﴿٢٠٠﴾
इसी प्रकार हमने इसे अपराधियों के हृदयों में प्रवेश कर दिया।
لَا یُؤۡمِنُونَ بِهِۦ حَتَّىٰ یَرَوُاْ ٱلۡعَذَابَ ٱلۡأَلِیمَ ﴿٢٠١﴾
वे उसपर ईमान नहीं लाएँगे, यहाँ तक कि वे दर्दनाक यातना देख लें।
أَفَرَءَیۡتَ إِن مَّتَّعۡنَـٰهُمۡ سِنِینَ ﴿٢٠٥﴾
तो क्या आपने विचार किया यदि हम इन्हें कुछ वर्षों तक लाभ दें।
ثُمَّ جَاۤءَهُم مَّا كَانُواْ یُوعَدُونَ ﴿٢٠٦﴾
फिर उनपर वह (यातना) आ जाए, जिसका उनसे वादा किया जाता था।
مَاۤ أَغۡنَىٰ عَنۡهُم مَّا كَانُواْ یُمَتَّعُونَ ﴿٢٠٧﴾
तो उन्हें जो लाभ दिया जाता था, वह उनके किस काम आएगा?
وَمَاۤ أَهۡلَكۡنَا مِن قَرۡیَةٍ إِلَّا لَهَا مُنذِرُونَ ﴿٢٠٨﴾
और हमने किसी बस्ती को विनष्ट नहीं किया, परंतु उसके लिए कई सावधान करने वाले थे।
إِنَّهُمۡ عَنِ ٱلسَّمۡعِ لَمَعۡزُولُونَ ﴿٢١٢﴾
निःसंदेह वे तो (इसके) सुनने ही से अलग[37] कर दिए गए हैं।
فَلَا تَدۡعُ مَعَ ٱللَّهِ إِلَـٰهًا ءَاخَرَ فَتَكُونَ مِنَ ٱلۡمُعَذَّبِینَ ﴿٢١٣﴾
अतः आप अल्लाह के साथ किसी अन्य पूज्य को न पुकारें, अन्यथा आप दंड पाने वालों में हो जाएँगे।
وَأَنذِرۡ عَشِیرَتَكَ ٱلۡأَقۡرَبِینَ ﴿٢١٤﴾
और आप अपने निकटतम रिश्तेदारों को डराएँ।[38]
وَٱخۡفِضۡ جَنَاحَكَ لِمَنِ ٱتَّبَعَكَ مِنَ ٱلۡمُؤۡمِنِینَ ﴿٢١٥﴾
और ईमान वालों में से जो आपका अनुसरण करे, उसके लिए अपना बाज़ू[39] झुका दें।
فَإِنۡ عَصَوۡكَ فَقُلۡ إِنِّی بَرِیۤءࣱ مِّمَّا تَعۡمَلُونَ ﴿٢١٦﴾
फि यदि वे आपकी अवज्ञा करें, तो आप कह दें कि तुम जो कुछ कर रहे हो उसकी ज़िम्मेदारी से मैं बरी हूँ।
وَتَوَكَّلۡ عَلَى ٱلۡعَزِیزِ ٱلرَّحِیمِ ﴿٢١٧﴾
तथा उस सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् पर भरोसा करें।
وَتَقَلُّبَكَ فِی ٱلسَّـٰجِدِینَ ﴿٢١٩﴾
और सजदा करने वालों में आपके फिरने को भी।[40]
هَلۡ أُنَبِّئُكُمۡ عَلَىٰ مَن تَنَزَّلُ ٱلشَّیَـٰطِینُ ﴿٢٢١﴾
क्या मैं आपको बताऊँ कि शैतान किस पर उतरते हैं?
تَنَزَّلُ عَلَىٰ كُلِّ أَفَّاكٍ أَثِیمࣲ ﴿٢٢٢﴾
वे हर बड़े झूठे और बड़े पापी[41] पर उतरते हैं।
یُلۡقُونَ ٱلسَّمۡعَ وَأَكۡثَرُهُمۡ كَـٰذِبُونَ ﴿٢٢٣﴾
वे सुनी हुई बात को (काहिनों तक) पहुँचा देते हैं, और उनमें से अधिकतर झूठे हैं।
أَلَمۡ تَرَ أَنَّهُمۡ فِی كُلِّ وَادࣲ یَهِیمُونَ ﴿٢٢٥﴾
क्या आपने नहीं देखा कि वे प्रत्येक वादी में भटकते फिरते[42] हैं।
إِلَّا ٱلَّذِینَ ءَامَنُواْ وَعَمِلُواْ ٱلصَّـٰلِحَـٰتِ وَذَكَرُواْ ٱللَّهَ كَثِیرࣰا وَٱنتَصَرُواْ مِنۢ بَعۡدِ مَا ظُلِمُواْۗ وَسَیَعۡلَمُ ٱلَّذِینَ ظَلَمُوۤاْ أَیَّ مُنقَلَبࣲ یَنقَلِبُونَ ﴿٢٢٧﴾
सिवाय उन (कवियों) के, जो[43] ईमान लाए, और अच्छे कर्म किए और अल्लाह को बहुत याद किया तथा बदला लिया, इसके बाद कि उनके ऊपर ज़ुल्म किया गया। तथा वे लोग, जिन्होंने अत्याचार किया, शीघ्र ही जान लेंगे कि वे किस जगह लौटकर जाएँगे।