Surah सूरा अस्-साफ़्फ़ात - As-Sāffāt

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Surah सूरा अस्-साफ़्फ़ात - As-Sāffāt - Aya count 182

وَٱلصَّـٰۤفَّـٰتِ صَفࣰّا ﴿١﴾

क़सम है पंक्तिबद्ध (फ़रिश्तों) की!


Arabic explanations of the Qur’an:

فَٱلزَّ ٰ⁠جِرَ ٰ⁠تِ زَجۡرࣰا ﴿٢﴾

फिर झिड़क कर डाँटने वालों की!


Arabic explanations of the Qur’an:

فَٱلتَّـٰلِیَـٰتِ ذِكۡرًا ﴿٣﴾

फिर (अल्लाह के) ज़िक्र (वाणी) की तिलावत करने वालों की।[1]

1. ये तीनों गुण फ़रिश्तों के हैं जो आकाशों में अल्लाह की इबादत के लिए पंक्तिबद्ध रहते तथा बादलों को हाँकते और अल्लाह के स्मरण जैसे क़ुरआन तथा नमाज़ पढ़ने और उसकी पवित्रता का गान करने इत्यादि में लगे रहते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّ إِلَـٰهَكُمۡ لَوَ ٰ⁠حِدࣱ ﴿٤﴾

निःसंदेह तुम्हारा पूज्य निश्चय एक ही है।


Arabic explanations of the Qur’an:

رَّبُّ ٱلسَّمَـٰوَ ٰ⁠تِ وَٱلۡأَرۡضِ وَمَا بَیۡنَهُمَا وَرَبُّ ٱلۡمَشَـٰرِقِ ﴿٥﴾

जो आकाशों और धरती का तथा उन दोनों के बीच की समस्त चीज़ों का स्वामी है और सूर्य के उदय होने के सभी स्थानों का मालिक है।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّا زَیَّنَّا ٱلسَّمَاۤءَ ٱلدُّنۡیَا بِزِینَةٍ ٱلۡكَوَاكِبِ ﴿٦﴾

निःसंदेह हमने संसार के आकाश को एक सुंदर शृंगार के साथ सुशोभित किया है, जो सितारे हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَحِفۡظࣰا مِّن كُلِّ شَیۡطَـٰنࣲ مَّارِدࣲ ﴿٧﴾

और प्रत्येक सरकश शैतान से सुरक्षित करने के लिए।


Arabic explanations of the Qur’an:

لَّا یَسَّمَّعُونَ إِلَى ٱلۡمَلَإِ ٱلۡأَعۡلَىٰ وَیُقۡذَفُونَ مِن كُلِّ جَانِبࣲ ﴿٨﴾

वे सर्वोच्च सभा (मला-ए-आ'ला) के फ़रिश्तों की बात नहीं सुन सकते, तथा वे हर ओर से (उल्काओं से) मारे जाते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

دُحُورࣰاۖ وَلَهُمۡ عَذَابࣱ وَاصِبٌ ﴿٩﴾

भगाने के लिए। तथा उनके लिए स्थायी यातना है।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِلَّا مَنۡ خَطِفَ ٱلۡخَطۡفَةَ فَأَتۡبَعَهُۥ شِهَابࣱ ثَاقِبࣱ ﴿١٠﴾

परंतु जो कोई (शैतान फरिश्तों की किसी बात को) अचानक उचक ले जाए, तो एक दहकता हुआ अंगारा (उल्का)[2] उसका पीछा करता है।

2. फिर यदि उससे बचा रह जाए तो आकाश की बात अपने नीचे के शैतानों तक पहुँचाता है और वे उसे काहिनों तथा ज्योतिषियों को बताते हैं। फिर वे उसमें सौ झूठ मिलाकर लोगों को बताते हैं। (सह़ीह़ बुख़ारी : 6213, सह़ीह़ मुस्लिम : 2228)


Arabic explanations of the Qur’an:

فَٱسۡتَفۡتِهِمۡ أَهُمۡ أَشَدُّ خَلۡقًا أَم مَّنۡ خَلَقۡنَاۤۚ إِنَّا خَلَقۡنَـٰهُم مِّن طِینࣲ لَّازِبِۭ ﴿١١﴾

तो आप इन (काफ़िरों) से पूछें कि क्या इन्हें पैदा करना अधिक कठिन है या उनका जिन्हें[3] हम पैदा कर चुके? निःसंदेह हमने उन्हें[4] एक लेसदार मिट्टी से पैदा किया है।

3. अर्थात फ़रिश्तों तथा आकाशों को। 4. अर्थात् उनके पिता आदम (अलैहिस्सलाम) को।


Arabic explanations of the Qur’an:

بَلۡ عَجِبۡتَ وَیَسۡخَرُونَ ﴿١٢﴾

बल्कि आपने आश्चर्य किया और वे उपहास करते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِذَا ذُكِّرُواْ لَا یَذۡكُرُونَ ﴿١٣﴾

और जब उन्हें नसीहत की जाए, तो वे क़बूल नहीं करते।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِذَا رَأَوۡاْ ءَایَةࣰ یَسۡتَسۡخِرُونَ ﴿١٤﴾

और जब वे कोई निशानी देखते हैं, तो खूब उपहास करते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَقَالُوۤاْ إِنۡ هَـٰذَاۤ إِلَّا سِحۡرࣱ مُّبِینٌ ﴿١٥﴾

तथा कहते हैं कि यह तो मात्र खुला जादू है।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَءِذَا مِتۡنَا وَكُنَّا تُرَابࣰا وَعِظَـٰمًا أَءِنَّا لَمَبۡعُوثُونَ ﴿١٦﴾

क्या जब हम मर गए और मिट्टी तथा हड्डियाँ हो चुके, तो क्या सचमुच हम अवश्य उठाए जाने वाले हैं?


Arabic explanations of the Qur’an:

أَوَءَابَاۤؤُنَا ٱلۡأَوَّلُونَ ﴿١٧﴾

और क्या हमारे पहले बाप-दादा भी (उठाए जाएँगे)?


Arabic explanations of the Qur’an:

قُلۡ نَعَمۡ وَأَنتُمۡ دَ ٰ⁠خِرُونَ ﴿١٨﴾

आप कह दीजिए : हाँ! तथा तुम अपमानित (भी) होगे!


Arabic explanations of the Qur’an:

فَإِنَّمَا هِیَ زَجۡرَةࣱ وَ ٰ⁠حِدَةࣱ فَإِذَا هُمۡ یَنظُرُونَ ﴿١٩﴾

वह बस एक ही झिड़की होगी, तो एकाएक वे देख रहे होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَقَالُواْ یَـٰوَیۡلَنَا هَـٰذَا یَوۡمُ ٱلدِّینِ ﴿٢٠﴾

तथा वे कहेंगे : हाय हमारा विनाश! यह तो बदले का दिन है।


Arabic explanations of the Qur’an:

هَـٰذَا یَوۡمُ ٱلۡفَصۡلِ ٱلَّذِی كُنتُم بِهِۦ تُكَذِّبُونَ ﴿٢١﴾

यही निर्णय का दिन है, जिसे तुम झुठलाया करते थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

۞ ٱحۡشُرُواْ ٱلَّذِینَ ظَلَمُواْ وَأَزۡوَ ٰ⁠جَهُمۡ وَمَا كَانُواْ یَعۡبُدُونَ ﴿٢٢﴾

(आदेश होगा कि) इकट्ठा करो उन लोगों को जिन्होंने अत्याचार किया तथा उनके साथियों को और जिनकी वे उपासना किया करते थे ।


Arabic explanations of the Qur’an:

مِن دُونِ ٱللَّهِ فَٱهۡدُوهُمۡ إِلَىٰ صِرَ ٰ⁠طِ ٱلۡجَحِیمِ ﴿٢٣﴾

अल्लाह के सिवा। फिर उन्हें जहन्नम की राह दिखा दो।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَقِفُوهُمۡۖ إِنَّهُم مَّسۡـُٔولُونَ ﴿٢٤﴾

और उन्हें ठहराओ[5], निःसंदेह वे प्रश्न किए जाने वाले हैं।

5. नरक में झोंकने से पहले।


Arabic explanations of the Qur’an:

مَا لَكُمۡ لَا تَنَاصَرُونَ ﴿٢٥﴾

तुम्हें क्या हुआ कि तुम एक-दूसरे की सहायता नहीं करते?


Arabic explanations of the Qur’an:

بَلۡ هُمُ ٱلۡیَوۡمَ مُسۡتَسۡلِمُونَ ﴿٢٦﴾

बल्कि, आज वे सर्वथा आज्ञाकारी हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَأَقۡبَلَ بَعۡضُهُمۡ عَلَىٰ بَعۡضࣲ یَتَسَاۤءَلُونَ ﴿٢٧﴾

और वे एक-दूसरे की ओर रुख़ करके परस्पर प्रश्न करेंगे।[6]

6. अर्थात एक-दूसरे को धिक्कारेंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

قَالُوۤاْ إِنَّكُمۡ كُنتُمۡ تَأۡتُونَنَا عَنِ ٱلۡیَمِینِ ﴿٢٨﴾

वे कहेंगे : निःसंदेह तुम हमारे पास दाहिने[7] से आया करते थे।

7. इससे अभिप्राय यह है कि धर्म तथा सत्य के नाम से आते थे। अर्थात यह विश्वास दिलाते थे कि यही मिश्रणवाद मूल तथा सत्धर्म है।


Arabic explanations of the Qur’an:

قَالُواْ بَل لَّمۡ تَكُونُواْ مُؤۡمِنِینَ ﴿٢٩﴾

वे[8] कहेंगे : बल्कि तुम (स्वयं) ईमान वाले न थे।

8. इससे अभिप्राय उन के प्रमुख लोग हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَمَا كَانَ لَنَا عَلَیۡكُم مِّن سُلۡطَـٰنِۭۖ بَلۡ كُنتُمۡ قَوۡمࣰا طَـٰغِینَ ﴿٣٠﴾

तथा हमारा तुमपर कोई ज़ोर[9] न था, बल्कि तुम (स्वंय) हद से बढ़ने वाले लोग थे।

9. देखिए : सूरत इबराहीम, आयत : 22


Arabic explanations of the Qur’an:

فَحَقَّ عَلَیۡنَا قَوۡلُ رَبِّنَاۤۖ إِنَّا لَذَاۤىِٕقُونَ ﴿٣١﴾

तो हमपर हमारे पालनहार का कथन सिद्ध हो गया। निःसंदेह हम निश्चय (यातना) चखने वाले हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَأَغۡوَیۡنَـٰكُمۡ إِنَّا كُنَّا غَـٰوِینَ ﴿٣٢﴾

तो हमने तुम्हें गुमराह किया। निःसंदेह हम स्वयं गुमराह थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَإِنَّهُمۡ یَوۡمَىِٕذࣲ فِی ٱلۡعَذَابِ مُشۡتَرِكُونَ ﴿٣٣﴾

तो निश्चय ही वे उस दिन यातना में सहभागी होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّا كَذَ ٰ⁠لِكَ نَفۡعَلُ بِٱلۡمُجۡرِمِینَ ﴿٣٤﴾

निःसंदेह हम अपराधियों के साथ ऐसा ही किया करते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّهُمۡ كَانُوۤاْ إِذَا قِیلَ لَهُمۡ لَاۤ إِلَـٰهَ إِلَّا ٱللَّهُ یَسۡتَكۡبِرُونَ ﴿٣٥﴾

निःसंदेह वे ऐसे लोग थे कि जब उनसे कहा जाता कि अल्लाह के सिवा कोई पूज्य (इबादत के योग्य) नहीं, तो वे अभिमान करते थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَیَقُولُونَ أَىِٕنَّا لَتَارِكُوۤاْ ءَالِهَتِنَا لِشَاعِرࣲ مَّجۡنُونِۭ ﴿٣٦﴾

तथा कहते थे : क्या सचमुच हम अपने पूज्यों को एक दीवाने कवि के कारण छोड़ देने वाले हैं?


Arabic explanations of the Qur’an:

بَلۡ جَاۤءَ بِٱلۡحَقِّ وَصَدَّقَ ٱلۡمُرۡسَلِینَ ﴿٣٧﴾

बल्कि वह सत्य लेकर आए हैं तथा उन्होंने सभी रसूलों की पुष्टि की है।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّكُمۡ لَذَاۤىِٕقُواْ ٱلۡعَذَابِ ٱلۡأَلِیمِ ﴿٣٨﴾

निःसंदेह तुम निश्चय दुःखदायी यातना चखने वाले हो।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَمَا تُجۡزَوۡنَ إِلَّا مَا كُنتُمۡ تَعۡمَلُونَ ﴿٣٩﴾

तथा तुम्हें केवल उसी का बदला दिया जाएगा, जो तुम किया करते थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِلَّا عِبَادَ ٱللَّهِ ٱلۡمُخۡلَصِینَ ﴿٤٠﴾

परंतु अल्लाह के ख़ालिस (विशुद्ध) किए हुए बंदे।


Arabic explanations of the Qur’an:

أُوْلَـٰۤىِٕكَ لَهُمۡ رِزۡقࣱ مَّعۡلُومࣱ ﴿٤١﴾

यही लोग हैं, जिनके लिए निर्धारित रोज़ी है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَوَ ٰ⁠كِهُ وَهُم مُّكۡرَمُونَ ﴿٤٢﴾

प्रत्येक प्रकार के फल। तथा वे सम्मानित किए गए हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فِی جَنَّـٰتِ ٱلنَّعِیمِ ﴿٤٣﴾

नेमत के बाग़ों में।


Arabic explanations of the Qur’an:

عَلَىٰ سُرُرࣲ مُّتَقَـٰبِلِینَ ﴿٤٤﴾

तख़्तों पर आमने-सामने बैठे होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

یُطَافُ عَلَیۡهِم بِكَأۡسࣲ مِّن مَّعِینِۭ ﴿٤٥﴾

उनपर प्रवाहित शराब के प्याले फिराए जाएँगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

بَیۡضَاۤءَ لَذَّةࣲ لِّلشَّـٰرِبِینَ ﴿٤٦﴾

जो सफ़ेद होगी, पीने वालों के लिए स्वादिष्ट होगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

لَا فِیهَا غَوۡلࣱ وَلَا هُمۡ عَنۡهَا یُنزَفُونَ ﴿٤٧﴾

न उसमें कोई सिरदर्द होगा, और न वे उससे मदहोश होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَعِندَهُمۡ قَـٰصِرَ ٰ⁠تُ ٱلطَّرۡفِ عِینࣱ ﴿٤٨﴾

तथा उनके पास दृष्टि नीची रखने वाली, बड़ी आँखों वाली स्त्रियाँ होंगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

كَأَنَّهُنَّ بَیۡضࣱ مَّكۡنُونࣱ ﴿٤٩﴾

मानो वे छिपाकर रखे हुए अंडे हों।[10]

10. अर्थात जिस प्रकार पक्षी के पंखों के नीचे छिपे हुए अंडे सुरक्षित होते हैं, वैसे ही वे नारियाँ सुरक्षित, सुंदर रंग और रूप की होंगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَأَقۡبَلَ بَعۡضُهُمۡ عَلَىٰ بَعۡضࣲ یَتَسَاۤءَلُونَ ﴿٥٠﴾

फिर वे एक-दूसरे के सम्मुख होकर आपस में प्रश्न करेंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

قَالَ قَاۤىِٕلࣱ مِّنۡهُمۡ إِنِّی كَانَ لِی قَرِینࣱ ﴿٥١﴾

उनमें से एक कहने वाला कहेगा : मेरा एक साथी था।


Arabic explanations of the Qur’an:

یَقُولُ أَءِنَّكَ لَمِنَ ٱلۡمُصَدِّقِینَ ﴿٥٢﴾

वह कहा करता था कि क्या सचमुच तू भी (मरणोपरांत पुनर्जीवन को) मानने वालों में से है?


Arabic explanations of the Qur’an:

أَءِذَا مِتۡنَا وَكُنَّا تُرَابࣰا وَعِظَـٰمًا أَءِنَّا لَمَدِینُونَ ﴿٥٣﴾

क्या जब हम मर गए और हम मिट्टी तथा हड्डियाँ हो गए, तो क्या सचमुच हम अवश्य बदला दिए जाने वाले हैं?


Arabic explanations of the Qur’an:

قَالَ هَلۡ أَنتُم مُّطَّلِعُونَ ﴿٥٤﴾

वह कहेगा : क्या तुम झाँककर देखने वाले हो?


Arabic explanations of the Qur’an:

فَٱطَّلَعَ فَرَءَاهُ فِی سَوَاۤءِ ٱلۡجَحِیمِ ﴿٥٥﴾

फिर वह झाँकेगा, तो उसे भड़कती हुई आग के बीच में देखेगा।


Arabic explanations of the Qur’an:

قَالَ تَٱللَّهِ إِن كِدتَّ لَتُرۡدِینِ ﴿٥٦﴾

कहेगा : अल्लाह की कसम! निश्चय तू क़रीब था कि मुझे नष्ट ही कर दे।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَلَوۡلَا نِعۡمَةُ رَبِّی لَكُنتُ مِنَ ٱلۡمُحۡضَرِینَ ﴿٥٧﴾

और यदि मेरे पालनहार की अनुकंपा न होती, तो निश्चय मैं भी (जहन्नम में) उपस्थित किए गए लोगों में से होता।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَفَمَا نَحۡنُ بِمَیِّتِینَ ﴿٥٨﴾

तो क्या (यह सही नहीं है) कि हम कभी मरने वाले नहीं हैं?


Arabic explanations of the Qur’an:

إِلَّا مَوۡتَتَنَا ٱلۡأُولَىٰ وَمَا نَحۡنُ بِمُعَذَّبِینَ ﴿٥٩﴾

सिवाय अपनी प्रथम मौत के, और न हम कभी यातना दिए जाने वाले हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّ هَـٰذَا لَهُوَ ٱلۡفَوۡزُ ٱلۡعَظِیمُ ﴿٦٠﴾

निश्चय यही तो बहुत बड़ी सफलता है।


Arabic explanations of the Qur’an:

لِمِثۡلِ هَـٰذَا فَلۡیَعۡمَلِ ٱلۡعَـٰمِلُونَ ﴿٦١﴾

इसी (जैसी सफलता) के लिए कर्म करने वालों को कर्म करना चाहिए।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَذَ ٰ⁠لِكَ خَیۡرࣱ نُّزُلًا أَمۡ شَجَرَةُ ٱلزَّقُّومِ ﴿٦٢﴾

क्या यह आतिथ्य उत्तम है या थोहड़ का वृक्ष?


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّا جَعَلۡنَـٰهَا فِتۡنَةࣰ لِّلظَّـٰلِمِینَ ﴿٦٣﴾

निःसंदेह हमने उसे अत्याचारियों के लिए एक परीक्षा बनाया है।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّهَا شَجَرَةࣱ تَخۡرُجُ فِیۤ أَصۡلِ ٱلۡجَحِیمِ ﴿٦٤﴾

निःसंदेह वह ऐसा वृक्ष है, जो जहन्नम के तल में उगता है।


Arabic explanations of the Qur’an:

طَلۡعُهَا كَأَنَّهُۥ رُءُوسُ ٱلشَّیَـٰطِینِ ﴿٦٥﴾

उसके गुच्छे ऐसे हैं मानो वे शैतानों के सिर हों।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَإِنَّهُمۡ لَـَٔاكِلُونَ مِنۡهَا فَمَالِـُٔونَ مِنۡهَا ٱلۡبُطُونَ ﴿٦٦﴾

तो वे (जहन्नमवासी) निश्चय उसमें से खाने वाले हैं। फिर उससे पेट भरने वाले हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

ثُمَّ إِنَّ لَهُمۡ عَلَیۡهَا لَشَوۡبࣰا مِّنۡ حَمِیمࣲ ﴿٦٧﴾

फिर निःसंदेह उनके लिए उसपर खौलते हुए पानी का मिश्रण है।


Arabic explanations of the Qur’an:

ثُمَّ إِنَّ مَرۡجِعَهُمۡ لَإِلَى ٱلۡجَحِیمِ ﴿٦٨﴾

फिर निःसंदेह उनकी वापसी निश्चय उसी भड़कती हुई आग की ओर होगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّهُمۡ أَلۡفَوۡاْ ءَابَاۤءَهُمۡ ضَاۤلِّینَ ﴿٦٩﴾

निःसंदेह उन्होंने अपने बाप-दादा को गुमराह पाया।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَهُمۡ عَلَىٰۤ ءَاثَـٰرِهِمۡ یُهۡرَعُونَ ﴿٧٠﴾

तो वे उन्हीं के पदचिह्नों पर दौड़े चले जा रहे हैं।[11]

11. इसमें नरक में जाने का जो सबसे बड़ा कारण बताया गया है, वह है नबी को न मानना और अपने पूर्वजों के पंथ पर ही चलते रहना।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَلَقَدۡ ضَلَّ قَبۡلَهُمۡ أَكۡثَرُ ٱلۡأَوَّلِینَ ﴿٧١﴾

और निःसंदेह इनसे पहले अगले लोगों में से अधिकतर लोग गुमराह हो चुके हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَلَقَدۡ أَرۡسَلۡنَا فِیهِم مُّنذِرِینَ ﴿٧٢﴾

तथा निःसंदेह हमने उनके अंदर कई डराने वाले भेजे।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَٱنظُرۡ كَیۡفَ كَانَ عَـٰقِبَةُ ٱلۡمُنذَرِینَ ﴿٧٣﴾

तो देखो कि उन डराए जाने वालों का परिणाम[12] कैसा हुआ?

12. अतः उनके दुष्परिणाम से शिक्षा ग्रहण करना चाहिए।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِلَّا عِبَادَ ٱللَّهِ ٱلۡمُخۡلَصِینَ ﴿٧٤﴾

सिवाय अल्लाह के ख़ालिस किए हुए बंदों के।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَلَقَدۡ نَادَىٰنَا نُوحࣱ فَلَنِعۡمَ ٱلۡمُجِیبُونَ ﴿٧٥﴾

तथा निःसंदेह नूह ने हमें पुकारा, तो निश्चय हम अच्छे स्वीकार करने वाले हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَنَجَّیۡنَـٰهُ وَأَهۡلَهُۥ مِنَ ٱلۡكَرۡبِ ٱلۡعَظِیمِ ﴿٧٦﴾

और हमने उसे और उसके घर वालों को बहुत बड़ी आपदा से बचा लिया।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَجَعَلۡنَا ذُرِّیَّتَهُۥ هُمُ ٱلۡبَاقِینَ ﴿٧٧﴾

तथा हमने उसकी संतति ही को बाक़ी रहने वाला[13] बना दिया।

13. उसकी जाति के जलमग्न हो जाने के पश्चात्।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَتَرَكۡنَا عَلَیۡهِ فِی ٱلۡـَٔاخِرِینَ ﴿٧٨﴾

और हमने पीछे आने वालों में उसके लिए (अच्छा स्मरण) बाक़ी रखा।


Arabic explanations of the Qur’an:

سَلَـٰمٌ عَلَىٰ نُوحࣲ فِی ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿٧٩﴾

सर्व संसार में नूह़ पर सलाम[14] हो।

14. अर्थात उसकी बुरी चर्चा से सुरक्षा।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّا كَذَ ٰ⁠لِكَ نَجۡزِی ٱلۡمُحۡسِنِینَ ﴿٨٠﴾

निःसंदेह हम सदाचारियों को इसी तरह बदला देते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّهُۥ مِنۡ عِبَادِنَا ٱلۡمُؤۡمِنِینَ ﴿٨١﴾

निश्चय वह हमारे ईमान वाले बंदों में से था।


Arabic explanations of the Qur’an:

ثُمَّ أَغۡرَقۡنَا ٱلۡـَٔاخَرِینَ ﴿٨٢﴾

फिर हमने दूसरों को डुबो दिया।


Arabic explanations of the Qur’an:

۞ وَإِنَّ مِن شِیعَتِهِۦ لَإِبۡرَ ٰ⁠هِیمَ ﴿٨٣﴾

और निःसंदेह उसी के तरीक़े पर चलने वालों में से निश्चय इबराहीम (भी) थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِذۡ جَاۤءَ رَبَّهُۥ بِقَلۡبࣲ سَلِیمٍ ﴿٨٤﴾

(उस समय को याद करें) जब वह अपने पालनहार के पास शुद्ध दिल लेकर आए।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِذۡ قَالَ لِأَبِیهِ وَقَوۡمِهِۦ مَاذَا تَعۡبُدُونَ ﴿٨٥﴾

जब उसने अपने बाप तथा अपनी जाति से कहा : तुम किस चीज़ की इबादत करते हो?


Arabic explanations of the Qur’an:

أَىِٕفۡكًا ءَالِهَةࣰ دُونَ ٱللَّهِ تُرِیدُونَ ﴿٨٦﴾

क्या अल्लाह को छोड़कर अपने गढ़े हुए पूज्यों को चाहते हो?


Arabic explanations of the Qur’an:

فَمَا ظَنُّكُم بِرَبِّ ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿٨٧﴾

तो सर्व संसार के पालनहार के विषय में तुम्हारा क्या गुमान है?


Arabic explanations of the Qur’an:

فَنَظَرَ نَظۡرَةࣰ فِی ٱلنُّجُومِ ﴿٨٨﴾

फिर उसने एक दृष्टि तारों पर डाली।[15]

15. यह सोचते हुए कि इनके उत्सव में न जाने के लिए क्या बहाना करूँ।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَقَالَ إِنِّی سَقِیمࣱ ﴿٨٩﴾

फिर कहा : मैं तो बीमार हूँ।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَتَوَلَّوۡاْ عَنۡهُ مُدۡبِرِینَ ﴿٩٠﴾

तो वे उससे पीठ फेरकर वापस चले गए।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَرَاغَ إِلَىٰۤ ءَالِهَتِهِمۡ فَقَالَ أَلَا تَأۡكُلُونَ ﴿٩١﴾

फिर वह चुपके से उनके पूज्यों की ओर गया और कहा : क्या तुम खाते नहीं?


Arabic explanations of the Qur’an:

مَا لَكُمۡ لَا تَنطِقُونَ ﴿٩٢﴾

तुम्हें क्या हुआ कि तुम बोलते नहीं?


Arabic explanations of the Qur’an:

فَرَاغَ عَلَیۡهِمۡ ضَرۡبَۢا بِٱلۡیَمِینِ ﴿٩٣﴾

फिर वह दाएँ हाथ से मारते हुए उनपर पिल पड़ा।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَأَقۡبَلُوۤاْ إِلَیۡهِ یَزِفُّونَ ﴿٩٤﴾

फिर वे दौड़ते हुए उसकी ओर आए।


Arabic explanations of the Qur’an:

قَالَ أَتَعۡبُدُونَ مَا تَنۡحِتُونَ ﴿٩٥﴾

उसने कहा : क्या तुम उसकी इबादत करते हो, जिसे ख़ुद तराशते हो?


Arabic explanations of the Qur’an:

وَٱللَّهُ خَلَقَكُمۡ وَمَا تَعۡمَلُونَ ﴿٩٦﴾

हालाँकि अल्लाह ही ने तुम्हें पैदा किया तथा उसे भी जो तुम करते हो।


Arabic explanations of the Qur’an:

قَالُواْ ٱبۡنُواْ لَهُۥ بُنۡیَـٰنࣰا فَأَلۡقُوهُ فِی ٱلۡجَحِیمِ ﴿٩٧﴾

उन्होंने कहा : इसके लिए एक इमारत (अग्नि-कुंड) बनाओ, फिर इसे भड़कती आग में फेंक दो।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَأَرَادُواْ بِهِۦ كَیۡدࣰا فَجَعَلۡنَـٰهُمُ ٱلۡأَسۡفَلِینَ ﴿٩٨﴾

अतः उन्होंने उसके साथ एक चाल चलनी चाही, तो हमने उन्हीं को सबसे नीचा कर दिया।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَقَالَ إِنِّی ذَاهِبٌ إِلَىٰ رَبِّی سَیَهۡدِینِ ﴿٩٩﴾

तथा उसने कहा : निःसंदेह मैं अपने पालनहार की ओर[16] जाने वाला हूँ। वह मुझे अवश्य सीधा रास्ता दिखाएगा।

16. अर्थात ऐसे स्थान की ओर जहाँ अपने पालनहार की इबादत कर सकूँ।


Arabic explanations of the Qur’an:

رَبِّ هَبۡ لِی مِنَ ٱلصَّـٰلِحِینَ ﴿١٠٠﴾

ऐ मेरे पालनहार! मुझे एक सदाचारी पुत्र प्रदान कर।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبَشَّرۡنَـٰهُ بِغُلَـٰمٍ حَلِیمࣲ ﴿١٠١﴾

तो हमने उसे एक सहनशील पुत्र की शुभ सूचना दी।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَلَمَّا بَلَغَ مَعَهُ ٱلسَّعۡیَ قَالَ یَـٰبُنَیَّ إِنِّیۤ أَرَىٰ فِی ٱلۡمَنَامِ أَنِّیۤ أَذۡبَحُكَ فَٱنظُرۡ مَاذَا تَرَىٰۚ قَالَ یَـٰۤأَبَتِ ٱفۡعَلۡ مَا تُؤۡمَرُۖ سَتَجِدُنِیۤ إِن شَاۤءَ ٱللَّهُ مِنَ ٱلصَّـٰبِرِینَ ﴿١٠٢﴾

फिर जब वह उसके साथ दौड़-धूप की आयु को पहुँचा, तो उसने कहा : ऐ मेरे प्रिय बेटे! निःसंदेह मैं स्वप्न में देखता हूँ कि मैं तुझे ज़बह कर रहा हूँ। तो अब देख, तेरा क्या विचार है? उसने कहा : ऐ मेरे पिता! आपको जो आदेश दिया जा रहा है उसे कर डालिए। अगर अल्लाह ने चाहा, तो आप अवश्य मुझे धैर्यवानों में से पाएँगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَلَمَّاۤ أَسۡلَمَا وَتَلَّهُۥ لِلۡجَبِینِ ﴿١٠٣﴾

अंततः जब दोनों (अल्लाह के आदेश के प्रति) समर्पित हो गए, और उसने उसे पेशानी के एक किनारे पर गिरा दिया।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَنَـٰدَیۡنَـٰهُ أَن یَـٰۤإِبۡرَ ٰ⁠هِیمُ ﴿١٠٤﴾

और हमने उसे आवाज़ दी कि ऐ इबराहीम!


Arabic explanations of the Qur’an:

قَدۡ صَدَّقۡتَ ٱلرُّءۡیَاۤۚ إِنَّا كَذَ ٰ⁠لِكَ نَجۡزِی ٱلۡمُحۡسِنِینَ ﴿١٠٥﴾

निश्चय तूने स्वप्न को सच कर दिखाया। हम सदाचारियों को इसी तरह बदला प्रदान करते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّ هَـٰذَا لَهُوَ ٱلۡبَلَـٰۤؤُاْ ٱلۡمُبِینُ ﴿١٠٦﴾

निःसंदेह यही तो निश्चय खुला परीक्षण है।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَفَدَیۡنَـٰهُ بِذِبۡحٍ عَظِیمࣲ ﴿١٠٧﴾

और हमने उसके फ़िदया (छुड़ौती) में एक बहुत बड़ा ज़बीहा[17] दिया।

17. यह महान ज़बीहा एक मेंढा था। जिसे जिबरील (अलैहिस्सलाम) द्वारा स्वर्ग से भेजा गया। जो आपके प्रिय पुत्र इसमाईल (अलैहिस्सलाम) के स्थान पर ज़बह किया गया। फिर इस विधि को प्रलय तक के लिए अल्लाह के सामीप्य का एक साधन तथा ईदुल अज़हा (बक़रईद) का प्रियवर कर्म बना दिया गया। जिसे संसार के सभी मुसलमान ईदुल अज़हा में करते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَتَرَكۡنَا عَلَیۡهِ فِی ٱلۡـَٔاخِرِینَ ﴿١٠٨﴾

और हमने पीछे आने वालों में उसके लिए (अच्छा स्मरण) बाक़ी रखा।


Arabic explanations of the Qur’an:

سَلَـٰمٌ عَلَىٰۤ إِبۡرَ ٰ⁠هِیمَ ﴿١٠٩﴾

सलाम हो इबराहीम पर।


Arabic explanations of the Qur’an:

كَذَ ٰ⁠لِكَ نَجۡزِی ٱلۡمُحۡسِنِینَ ﴿١١٠﴾

हम इसी तरह सदाचारियों को बदला प्रदान करते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّهُۥ مِنۡ عِبَادِنَا ٱلۡمُؤۡمِنِینَ ﴿١١١﴾

निश्चय वह हमारे ईमान वाले बंदों में से था।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَبَشَّرۡنَـٰهُ بِإِسۡحَـٰقَ نَبِیࣰّا مِّنَ ٱلصَّـٰلِحِینَ ﴿١١٢﴾

तथा हमने उसे इसहाक़ की शुभ सूचना दी, जो नबी होगा, सदाचारियों में से (होगा)।[18]

18. इस आयत से विदित होता है कि इबराहीम (अलैहिस्सलाम) को इस बलि के पश्चात् दूसरे पुत्र आदरणीय इसहाक़ की शुभ सूचना दी गई। इससे ज्ञात हुआ की बलि इसमाईल (अलैहिस्सलाम) की दी गई थी। और दोनों की आयु में लग-भग चौदह वर्ष का अंतर है।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَبَـٰرَكۡنَا عَلَیۡهِ وَعَلَىٰۤ إِسۡحَـٰقَۚ وَمِن ذُرِّیَّتِهِمَا مُحۡسِنࣱ وَظَالِمࣱ لِّنَفۡسِهِۦ مُبِینࣱ ﴿١١٣﴾

तथा हमने उसपर और इसहाक़ पर बरकत उतारी। और उन दोनों की संतति में से कोई सदाचारी है और कोई अपने आप पर खुला अत्याचार करने वाला है।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَلَقَدۡ مَنَنَّا عَلَىٰ مُوسَىٰ وَهَـٰرُونَ ﴿١١٤﴾

तथा निःसंदेह हमने मूसा और हारून पर उपकार किया।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَنَجَّیۡنَـٰهُمَا وَقَوۡمَهُمَا مِنَ ٱلۡكَرۡبِ ٱلۡعَظِیمِ ﴿١١٥﴾

और हमने उन दोनों को और उन दोनों की जाति को बहुत बड़ी विपत्ति से छुटकारा दिया।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَنَصَرۡنَـٰهُمۡ فَكَانُواْ هُمُ ٱلۡغَـٰلِبِینَ ﴿١١٦﴾

तथा हमने उनकी सहायता की, तो वही प्रभुत्वशाली रहे।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَءَاتَیۡنَـٰهُمَا ٱلۡكِتَـٰبَ ٱلۡمُسۡتَبِینَ ﴿١١٧﴾

तथा हमने उन दोनों को अत्यंत स्पष्ट पुस्तक (तौरात) प्रदान की।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَهَدَیۡنَـٰهُمَا ٱلصِّرَ ٰ⁠طَ ٱلۡمُسۡتَقِیمَ ﴿١١٨﴾

और हमने उन दोनों को सीधे मार्ग पर चलाया।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَتَرَكۡنَا عَلَیۡهِمَا فِی ٱلۡـَٔاخِرِینَ ﴿١١٩﴾

और हमने पीछे आने वालों में उन दोनों का अच्छा स्मरण छोड़ा।


Arabic explanations of the Qur’an:

سَلَـٰمٌ عَلَىٰ مُوسَىٰ وَهَـٰرُونَ ﴿١٢٠﴾

सलाम हो मूसा और हारून पर।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّا كَذَ ٰ⁠لِكَ نَجۡزِی ٱلۡمُحۡسِنِینَ ﴿١٢١﴾

निःसंदेह हम सदाचारियों को इसी तरह बदला देते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّهُمَا مِنۡ عِبَادِنَا ٱلۡمُؤۡمِنِینَ ﴿١٢٢﴾

निःसंदेह वे दोनों हमारे ईमान वाले बंदों में से थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِنَّ إِلۡیَاسَ لَمِنَ ٱلۡمُرۡسَلِینَ ﴿١٢٣﴾

तथा निःसंदेह इलयास निश्चय नबियों में से थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِذۡ قَالَ لِقَوۡمِهِۦۤ أَلَا تَتَّقُونَ ﴿١٢٤﴾

जब उसने अपनी जाति से कहा : क्या तुम डरते नहीं?


Arabic explanations of the Qur’an:

أَتَدۡعُونَ بَعۡلࣰا وَتَذَرُونَ أَحۡسَنَ ٱلۡخَـٰلِقِینَ ﴿١٢٥﴾

क्या तुम 'बअ्ल' (नामक मूर्ति) को पुकारते हो? तथा पैदा करने वालों में सबस बेहतर को छोड़ देते हो?


Arabic explanations of the Qur’an:

ٱللَّهَ رَبَّكُمۡ وَرَبَّ ءَابَاۤىِٕكُمُ ٱلۡأَوَّلِینَ ﴿١٢٦﴾

अल्लाह को, जो तुम्हारा पालनहार है तथा तुम्हारे पहले बाप-दादा का पालनहार है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَكَذَّبُوهُ فَإِنَّهُمۡ لَمُحۡضَرُونَ ﴿١٢٧﴾

किंतु उन्होंने उसे झुठला दिया। तो निश्चय वे अवश्य हाज़िर किए जाने वाले हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِلَّا عِبَادَ ٱللَّهِ ٱلۡمُخۡلَصِینَ ﴿١٢٨﴾

सिवाय अल्लाह के ख़ालिस किए हुए बंदों के।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَتَرَكۡنَا عَلَیۡهِ فِی ٱلۡـَٔاخِرِینَ ﴿١٢٩﴾

और हमने पीछे आने वालों में उसके लिए (अच्छा स्मरण) बाक़ी रखा।


Arabic explanations of the Qur’an:

سَلَـٰمٌ عَلَىٰۤ إِلۡ یَاسِینَ ﴿١٣٠﴾

सलाम हो इल्यासीन[19] पर।

19. इल्यासीन इलयास ही का एक उच्चारण है। उन्हें अन्य धर्म ग्रंथों में इलया भी कहा गया है।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّا كَذَ ٰ⁠لِكَ نَجۡزِی ٱلۡمُحۡسِنِینَ ﴿١٣١﴾

निःसंदेह हम सदाचारियों को इसी तरह बदला देते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّهُۥ مِنۡ عِبَادِنَا ٱلۡمُؤۡمِنِینَ ﴿١٣٢﴾

निश्चय वह हमारे ईमान वाले बंदों में से था।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِنَّ لُوطࣰا لَّمِنَ ٱلۡمُرۡسَلِینَ ﴿١٣٣﴾

और निःसंदेह लूत निश्चय रसूलों में से था।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِذۡ نَجَّیۡنَـٰهُ وَأَهۡلَهُۥۤ أَجۡمَعِینَ ﴿١٣٤﴾

जब हमने उसे तथा उसके सब घर वालों को बचाया।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِلَّا عَجُوزࣰا فِی ٱلۡغَـٰبِرِینَ ﴿١٣٥﴾

सिवाय एक बुढ़िया[20] के, जो पीछे रह जाने वालों में से थी।

20. यह लूत (अलैहिस्सलाम) की काफ़िर पत्नी थी।


Arabic explanations of the Qur’an:

ثُمَّ دَمَّرۡنَا ٱلۡـَٔاخَرِینَ ﴿١٣٦﴾

फिर हमने दूसरों का विनाश कर दिया।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِنَّكُمۡ لَتَمُرُّونَ عَلَیۡهِم مُّصۡبِحِینَ ﴿١٣٧﴾

तथा निःसंदेह तुम[21] निश्चय सुबह के समय जाते हुए उनपर से गुज़रते हो।

21. मक्का वासियों को संबोधित किया गया है।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَبِٱلَّیۡلِۚ أَفَلَا تَعۡقِلُونَ ﴿١٣٨﴾

तथा रात के समय भी। तो क्या तुम समझते नहीं?


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِنَّ یُونُسَ لَمِنَ ٱلۡمُرۡسَلِینَ ﴿١٣٩﴾

तथा निःसंदेह यूनुस निश्चय रसूलों में से था।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِذۡ أَبَقَ إِلَى ٱلۡفُلۡكِ ٱلۡمَشۡحُونِ ﴿١٤٠﴾

जब वह भरी नाव की ओर भागकर गया।[22]

22. अल्लाह की अनुमति के बिना अपने नगर से नगर वासियों को यातना के आने की सूचना देकर निकल गए। और नाव पर सवार हो गए। नाव सागर की लहरों में घिर गई। इसलिए बोझ कम करने के लिए नाम निकाला गया, तो यूनुस अलैहिस्सलाम का नाम निकला और उन्हें समुद्र में फेंक दिया गया।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَسَاهَمَ فَكَانَ مِنَ ٱلۡمُدۡحَضِینَ ﴿١٤١﴾

फिर वह क़ुर'आ में शामिल हुआ, तो हारने वालों में से हो गया।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَٱلۡتَقَمَهُ ٱلۡحُوتُ وَهُوَ مُلِیمࣱ ﴿١٤٢﴾

फिर मछली ने उसे निगल लिया, इस हाल में कि वह निंदनीय था।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَلَوۡلَاۤ أَنَّهُۥ كَانَ مِنَ ٱلۡمُسَبِّحِینَ ﴿١٤٣﴾

फिर अगर यह बात न होती कि वह अल्लाह की पवित्रता का वर्णन करने वालों में से था।


Arabic explanations of the Qur’an:

لَلَبِثَ فِی بَطۡنِهِۦۤ إِلَىٰ یَوۡمِ یُبۡعَثُونَ ﴿١٤٤﴾

तो निश्चय वह उसके पेट में उस दिन तक रहता, जिसमें लोग उठाए जाएँगे।[23]

23. अर्थात प्रयल के दिन तक। (देखिए : सूरतुल-अंबिया, आयत : 87)


Arabic explanations of the Qur’an:

۞ فَنَبَذۡنَـٰهُ بِٱلۡعَرَاۤءِ وَهُوَ سَقِیمࣱ ﴿١٤٥﴾

फिर हमने उसे चटियल मैदान में फेंक दिया, इस हाल में कि वह बीमार[24] था।

24. अर्थात निर्बल नवजात शिशु के समान।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَأَنۢبَتۡنَا عَلَیۡهِ شَجَرَةࣰ مِّن یَقۡطِینࣲ ﴿١٤٦﴾

तथा हमने उसपर एक लता वाला वृक्ष उगा दिया।[25]

25. रक्षा के लिए।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَأَرۡسَلۡنَـٰهُ إِلَىٰ مِاْئَةِ أَلۡفٍ أَوۡ یَزِیدُونَ ﴿١٤٧﴾

तथा हमने उसे एक लाख की ओर भेजा, बल्कि वे अधिक होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَـَٔامَنُواْ فَمَتَّعۡنَـٰهُمۡ إِلَىٰ حِینࣲ ﴿١٤٨﴾

चुनाँचे वे ईमान ले आए, तो हमने उन्हें एक समय तक लाभ उठाने दिया।[26]

26. देखिए : सूरत यूनुस।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَٱسۡتَفۡتِهِمۡ أَلِرَبِّكَ ٱلۡبَنَاتُ وَلَهُمُ ٱلۡبَنُونَ ﴿١٤٩﴾

तो (ऐ नबी!) आप उनसे पूछें कि क्या आपके पालनहार के लिए बेटियाँ हैं और उनके लिए बेटे?


Arabic explanations of the Qur’an:

أَمۡ خَلَقۡنَا ٱلۡمَلَـٰۤىِٕكَةَ إِنَـٰثࣰا وَهُمۡ شَـٰهِدُونَ ﴿١٥٠﴾

या हमने फ़रिश्तों को मादा पैदा किया, जबकि वे उस समय उपस्थित[27] थे?

27. इसमें मक्का के मिश्रणवादियों का खंडन किया जा रहा है, जो फ़रिश्तों को अल्लाह की पुत्रियाँ कहते थे। जबकि वे स्वयं पुत्रियों के जन्म को अप्रिय मानते थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَلَاۤ إِنَّهُم مِّنۡ إِفۡكِهِمۡ لَیَقُولُونَ ﴿١٥١﴾

सुन लो! निःसंदेह वे निश्चय अपने झूठ ही से कहते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَلَدَ ٱللَّهُ وَإِنَّهُمۡ لَكَـٰذِبُونَ ﴿١٥٢﴾

कि अल्लाह ने संतान बनाया है। और निःसंदेह वे निश्चय झूठे हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَصۡطَفَى ٱلۡبَنَاتِ عَلَى ٱلۡبَنِینَ ﴿١٥٣﴾

क्या उसने पुत्रियों को पुत्रों पर प्राथमिकता दी?


Arabic explanations of the Qur’an:

مَا لَكُمۡ كَیۡفَ تَحۡكُمُونَ ﴿١٥٤﴾

तुम्हें क्या हो गया है, तुम कैसा फ़ैसला कर रहे हो?


Arabic explanations of the Qur’an:

أَفَلَا تَذَكَّرُونَ ﴿١٥٥﴾

तो क्या तुम शिक्षा ग्रहण नहीं करते?


Arabic explanations of the Qur’an:

أَمۡ لَكُمۡ سُلۡطَـٰنࣱ مُّبِینࣱ ﴿١٥٦﴾

या तुम्हारे पास कोई स्पष्ट प्रमाण है?


Arabic explanations of the Qur’an:

فَأۡتُواْ بِكِتَـٰبِكُمۡ إِن كُنتُمۡ صَـٰدِقِینَ ﴿١٥٧﴾

तो लाओ अपनी किताब, यदि तुम सच्चे हो?


Arabic explanations of the Qur’an:

وَجَعَلُواْ بَیۡنَهُۥ وَبَیۡنَ ٱلۡجِنَّةِ نَسَبࣰاۚ وَلَقَدۡ عَلِمَتِ ٱلۡجِنَّةُ إِنَّهُمۡ لَمُحۡضَرُونَ ﴿١٥٨﴾

और उन्होंने अल्लाह तथा जिन्नों के बीच रिश्तेदारी बना दी। हालाँकि निःसंदेह जिन्न जान चुके हैं कि निःसंदेह वे (मुश्रिक) अवश्य उपस्थित किए जाने वाले हैं।[28]

28. अर्थात यातना के लिए। तो यदि वे उसके संबंधी होते, तो उन्हें यातना क्यों देता?


Arabic explanations of the Qur’an:

سُبۡحَـٰنَ ٱللَّهِ عَمَّا یَصِفُونَ ﴿١٥٩﴾

अल्लाह उन बातों से पवित्र है, जो वे वर्णन करते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِلَّا عِبَادَ ٱللَّهِ ٱلۡمُخۡلَصِینَ ﴿١٦٠﴾

सिवाय अल्लाह के ख़ालिस किए हुए बंदों के।[29]

29. वे अल्लाह को ऐसे दुर्गुणों से युक्त नहीं करते।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَإِنَّكُمۡ وَمَا تَعۡبُدُونَ ﴿١٦١﴾

अतः निःसंदेह तुम तथा जिनकी तुम पूजा करते हो।


Arabic explanations of the Qur’an:

مَاۤ أَنتُمۡ عَلَیۡهِ بِفَـٰتِنِینَ ﴿١٦٢﴾

तुम उसके विरुद्ध (किसी को) बहकाने वाले नहीं।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِلَّا مَنۡ هُوَ صَالِ ٱلۡجَحِیمِ ﴿١٦٣﴾

परंतु उसको, जो भड़कती आग में प्रवेश करने वाला है।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَمَا مِنَّاۤ إِلَّا لَهُۥ مَقَامࣱ مَّعۡلُومࣱ ﴿١٦٤﴾

और हम (फ़रिश्तों) में से जो भी है उसका एक नियत स्थान है।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِنَّا لَنَحۡنُ ٱلصَّاۤفُّونَ ﴿١٦٥﴾

तथा निःसंदेह हम निश्चय पंक्तिबद्ध रहने वाले हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِنَّا لَنَحۡنُ ٱلۡمُسَبِّحُونَ ﴿١٦٦﴾

तथा निःसंदेह हम निश्चय तस्बीह़ (पवित्रता गान) करने वाले हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِن كَانُواْ لَیَقُولُونَ ﴿١٦٧﴾

तथा निःसंदेह वे (मुश्रिक) तो कहा करते थे


Arabic explanations of the Qur’an:

لَوۡ أَنَّ عِندَنَا ذِكۡرࣰا مِّنَ ٱلۡأَوَّلِینَ ﴿١٦٨﴾

यदि हमारे पास पहले लोगों की कोई शिक्षा (किताब) होती,


Arabic explanations of the Qur’an:

لَكُنَّا عِبَادَ ٱللَّهِ ٱلۡمُخۡلَصِینَ ﴿١٦٩﴾

तो हम अवश्य अल्लाह के ख़ालिस (चुने हुए) बंदे होते।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَكَفَرُواْ بِهِۦۖ فَسَوۡفَ یَعۡلَمُونَ ﴿١٧٠﴾

(फिर जब किताब आ गई) तो उन्होंने उसका इनकार कर दिया। अतः जल्द ही उन्हें पता चल जाएगा।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَلَقَدۡ سَبَقَتۡ كَلِمَتُنَا لِعِبَادِنَا ٱلۡمُرۡسَلِینَ ﴿١٧١﴾

और निःसंदेह हमारे भेजे हुए बंदों के लिए हमारी बात पहले ही निश्चित हो चुकी


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّهُمۡ لَهُمُ ٱلۡمَنصُورُونَ ﴿١٧٢﴾

कि निःसंदेह वही हैं, जिनकी सहायता की जाएगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِنَّ جُندَنَا لَهُمُ ٱلۡغَـٰلِبُونَ ﴿١٧٣﴾

तथा निःसंदेह हमारी सेना ही निश्चय प्रभुत्वशाली रहेगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَتَوَلَّ عَنۡهُمۡ حَتَّىٰ حِینࣲ ﴿١٧٤﴾

तो आप कुछ समय तक के लिए उनसे मुँह फेर लें।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَأَبۡصِرۡهُمۡ فَسَوۡفَ یُبۡصِرُونَ ﴿١٧٥﴾

तथा उन्हें देखते रहें। वे भी शीघ्र ही देख लेंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَفَبِعَذَابِنَا یَسۡتَعۡجِلُونَ ﴿١٧٦﴾

तो क्या वे हमारी यातना की शीघ्र माँग कर रहे हैं?


Arabic explanations of the Qur’an:

فَإِذَا نَزَلَ بِسَاحَتِهِمۡ فَسَاۤءَ صَبَاحُ ٱلۡمُنذَرِینَ ﴿١٧٧﴾

फिर जब वह उनके आँगन में उतरेगी, तो डराए गए लोगों की सुबह बहुत बुरी होगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَتَوَلَّ عَنۡهُمۡ حَتَّىٰ حِینࣲ ﴿١٧٨﴾

َऔर आप कुछ समय तक के लिए उनसे मुँह फेर लें।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَأَبۡصِرۡ فَسَوۡفَ یُبۡصِرُونَ ﴿١٧٩﴾

तथा देखते रहें। जल्द ही वे भी देख लेंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

سُبۡحَـٰنَ رَبِّكَ رَبِّ ٱلۡعِزَّةِ عَمَّا یَصِفُونَ ﴿١٨٠﴾

पवित्र है आपका पालनहार, पराक्रम व शक्ति का स्वामी!, उस बात से, जो वे बयान करते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَسَلَـٰمٌ عَلَى ٱلۡمُرۡسَلِینَ ﴿١٨١﴾

तथा सलाम हो रसूलों पर।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَٱلۡحَمۡدُ لِلَّهِ رَبِّ ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿١٨٢﴾

और हर प्रकार की प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जो सर्व संसार का पालनहार है।


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