Surah सूरा अद्-दुख़ान - Ad-Dukhān

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Surah सूरा अद्-दुख़ान - Ad-Dukhān - Aya count 59

حمۤ ﴿١﴾

ह़ा, मीम।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَٱلۡكِتَـٰبِ ٱلۡمُبِینِ ﴿٢﴾

क़सम है स्पष्ट करने वाली पुस्तक की।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّاۤ أَنزَلۡنَـٰهُ فِی لَیۡلَةࣲ مُّبَـٰرَكَةٍۚ إِنَّا كُنَّا مُنذِرِینَ ﴿٣﴾

निःसंदेह हमने इसे[1] एक बरकत वाली रात में उतारा है। निःसंदेह हम डराने वाले थे।

1. बरकत वाली रात से अभिप्राय "लैलतुल क़द्र" है। यह रमज़ान के महीने के अंतिम दशक की एक विषम रात्रि होती है। यहाँ आगे बताया जा रहा है कि इसी रात्रि में पूरे वर्ष होने वाले विषय का निर्णय किया जाता है। इस शुभ रात की विशेषता तथा प्रधानता के लिए सूरतुल-क़द्र देखिए। इसी शुभ रात्रि में नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर क़ुरआन उतरने का आरंभ हुआ। फिर 23 वर्षों तक आवश्यकतानुसार विभिन्न समय में उतरता रहा। (देखिए : सूरतुल-बक़रह, आयत संख्या : 185)


Arabic explanations of the Qur’an:

فِیهَا یُفۡرَقُ كُلُّ أَمۡرٍ حَكِیمٍ ﴿٤﴾

इसी (रात) में प्रत्येक अटल मामले का निर्णय किया जाता है।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَمۡرࣰا مِّنۡ عِندِنَاۤۚ إِنَّا كُنَّا مُرۡسِلِینَ ﴿٥﴾

हमारी ओर से आदेश के कारण। निःसंदेह हम ही भेजने वाले थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

رَحۡمَةࣰ مِّن رَّبِّكَۚ إِنَّهُۥ هُوَ ٱلسَّمِیعُ ٱلۡعَلِیمُ ﴿٦﴾

आपके पालनहार की दया के कारण। निश्चय वही सब कुछ सुनने वाला, सब कुछ जानने वाला है।


Arabic explanations of the Qur’an:

رَبِّ ٱلسَّمَـٰوَ ٰ⁠تِ وَٱلۡأَرۡضِ وَمَا بَیۡنَهُمَاۤۖ إِن كُنتُم مُّوقِنِینَ ﴿٧﴾

जो आकाशों तथा धरती और उन दोनों के बीच मौजूद सारी चीज़ों का पालनहार है, यदि तुम विश्वास करने वाले हो।


Arabic explanations of the Qur’an:

لَاۤ إِلَـٰهَ إِلَّا هُوَ یُحۡیِۦ وَیُمِیتُۖ رَبُّكُمۡ وَرَبُّ ءَابَاۤىِٕكُمُ ٱلۡأَوَّلِینَ ﴿٨﴾

उसके अतिरिक्त कोई सत्य पूज्य नहीं। वही जीवित करता और मारता है। तुम्हारा पालनहार तथा तुम्हारे पहले बाप-दादाओं का पालनहार है।


Arabic explanations of the Qur’an:

بَلۡ هُمۡ فِی شَكࣲّ یَلۡعَبُونَ ﴿٩﴾

बल्कि वे संदेह में पड़े खेल रहे हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَٱرۡتَقِبۡ یَوۡمَ تَأۡتِی ٱلسَّمَاۤءُ بِدُخَانࣲ مُّبِینࣲ ﴿١٠﴾

तो आप उस दिन की प्रतीक्षा करें, जब आकाश प्रत्यक्ष धुआँ[2] लाएगा।

2. इस प्रत्यक्ष धुएँ तथा दुःखदायी यातना की व्याख्या सह़ीह़ ह़दीस में यह आयी है कि जब मक्कावासियों ने नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का कड़ा विरोध किया, तो आपने यह शाप दिया कि ऐ अल्लाह! उनपर सात वर्ष का अकाल भेज दे। और जब अकाल आया, तो भूख के कारण उन्हें धुआँ जैसा दिखाई देने लगा। तब उन्होंने आप से कहा कि आप अल्लाह से प्रार्थना कर दें। वह हमसे अकाल दूर कर देगा, तो हम ईमान ले आएँगे। और जब अकाल दूर हुआ तो फिर अपनी स्थिति पर लौट आए। फिर अल्लाह ने बद्र के युद्ध के दिन उनसे बदला लिया। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4821, तथा सह़ीह़ मुस्लिम : 2798)


Arabic explanations of the Qur’an:

یَغۡشَى ٱلنَّاسَۖ هَـٰذَا عَذَابٌ أَلِیمࣱ ﴿١١﴾

जो लोगों को ढाँप लेगा। यह दुःखदायी यातना है।


Arabic explanations of the Qur’an:

رَّبَّنَا ٱكۡشِفۡ عَنَّا ٱلۡعَذَابَ إِنَّا مُؤۡمِنُونَ ﴿١٢﴾

ऐ हमारे पालनहार! हमसे यह यातना दूर कर दे। निःसंदेह हम ईमान लाने वाले हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَنَّىٰ لَهُمُ ٱلذِّكۡرَىٰ وَقَدۡ جَاۤءَهُمۡ رَسُولࣱ مُّبِینࣱ ﴿١٣﴾

उनके लिए नसीहत कहाँ? हालाँकि, निश्चित रूप से उनके पास स्पष्ट करने वाला रसूल आ चुका।


Arabic explanations of the Qur’an:

ثُمَّ تَوَلَّوۡاْ عَنۡهُ وَقَالُواْ مُعَلَّمࣱ مَّجۡنُونٌ ﴿١٤﴾

फिर उन्होंने उससे मुँह फेर लिया और उन्होंने कहा : यह तो सिखाया हुआ है, यह पागल है।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّا كَاشِفُواْ ٱلۡعَذَابِ قَلِیلًاۚ إِنَّكُمۡ عَاۤىِٕدُونَ ﴿١٥﴾

निःसंदेह हम इस यातना को थोड़ी देर के लिए दूर करने वाले हैं। (परंतु) निःसंदेह तुम फिर वही कुछ करने वाले हो।


Arabic explanations of the Qur’an:

یَوۡمَ نَبۡطِشُ ٱلۡبَطۡشَةَ ٱلۡكُبۡرَىٰۤ إِنَّا مُنتَقِمُونَ ﴿١٦﴾

जिस दिन हम बड़ी पकड़[3] पकड़ेंगे, निःसंदेह हम बदला लेने वाले हैं।

3. यह बड़ी पकड़ का दिन बद्र के युद्ध का दिन है। जिसमें उनके बड़े-बड़े सत्तर प्रमुख मारे गए तथा इतनी ही संख्या में बंदी बनाए गए। और उनकी दूसरी पकड़ क़ियामत के दिन होगी, जो इससे भी बड़ी और गंभीर होगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

۞ وَلَقَدۡ فَتَنَّا قَبۡلَهُمۡ قَوۡمَ فِرۡعَوۡنَ وَجَاۤءَهُمۡ رَسُولࣱ كَرِیمٌ ﴿١٧﴾

तथा निःसंदेह हमने इनसे पूर्व फ़िरऔन की जाति की परीक्षा ली तथा उनके पास एक अति सम्मानित रसूल आया।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَنۡ أَدُّوۤاْ إِلَیَّ عِبَادَ ٱللَّهِۖ إِنِّی لَكُمۡ رَسُولٌ أَمِینࣱ ﴿١٨﴾

यह कि अल्लाह के बंदों को मेरे हवाले कर दो। निश्चय मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَأَن لَّا تَعۡلُواْ عَلَى ٱللَّهِۖ إِنِّیۤ ءَاتِیكُم بِسُلۡطَـٰنࣲ مُّبِینࣲ ﴿١٩﴾

तथा यह कि अल्लाह के मुक़ाबले में सरकशी न करो, निःसंदेह मैं तुम्हारे पास स्पष्ट प्रमाण लाने वाला हूँ।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِنِّی عُذۡتُ بِرَبِّی وَرَبِّكُمۡ أَن تَرۡجُمُونِ ﴿٢٠﴾

तथा निःसंदेह मैंने अपने पालनहार तथा तुम्हारे पालनहार की इससे शरण ली है कि तुम मुझपर पथराव कर मेरी जान ले लो।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِن لَّمۡ تُؤۡمِنُواْ لِی فَٱعۡتَزِلُونِ ﴿٢١﴾

और अगर तुम मेरी बात नहीं मानते, तो मुझसे दूर रहो।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَدَعَا رَبَّهُۥۤ أَنَّ هَـٰۤؤُلَاۤءِ قَوۡمࣱ مُّجۡرِمُونَ ﴿٢٢﴾

अंततः उसने अपने पालनहार को पुकारा कि निःसंदेह ये अपराधी लोग हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَأَسۡرِ بِعِبَادِی لَیۡلًا إِنَّكُم مُّتَّبَعُونَ ﴿٢٣﴾

अतः तुम मेरे बंदों को लेकर रातों-रात चले जाओ। निःसंदेह तुम्हारा पीछा किया जाएगा।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَٱتۡرُكِ ٱلۡبَحۡرَ رَهۡوًاۖ إِنَّهُمۡ جُندࣱ مُّغۡرَقُونَ ﴿٢٤﴾

तथा सागर को अपनी दशा पर ठहरा हुआ छोड़ दे। निःसंदेह वे एक ऐसी सेना हैं, जो डुबोए जाने वाले हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

كَمۡ تَرَكُواْ مِن جَنَّـٰتࣲ وَعُیُونࣲ ﴿٢٥﴾

वे कितने ही बाग़ और जल स्रोत छोड़ गए।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَزُرُوعࣲ وَمَقَامࣲ كَرِیمࣲ ﴿٢٦﴾

तथा खेतियाँ और बढ़िया स्थान।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَنَعۡمَةࣲ كَانُواْ فِیهَا فَـٰكِهِینَ ﴿٢٧﴾

तथा सुख-सामग्री, जिनमें वे आनंद ले रहे थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

كَذَ ٰ⁠لِكَۖ وَأَوۡرَثۡنَـٰهَا قَوۡمًا ءَاخَرِینَ ﴿٢٨﴾

ऐसा ही हुआ और हमने उनका उत्तराधिकारी दूसरे[4] लोगों को बना दिया।

4. अर्थात बनी इसराईल (याक़ूब अलैहिस्सलाम की संतान) को।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَمَا بَكَتۡ عَلَیۡهِمُ ٱلسَّمَاۤءُ وَٱلۡأَرۡضُ وَمَا كَانُواْ مُنظَرِینَ ﴿٢٩﴾

फिर न उनपर आकाश और धरती रोए और न वे मोहलत पाने वाले हुए।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَلَقَدۡ نَجَّیۡنَا بَنِیۤ إِسۡرَ ٰ⁠ۤءِیلَ مِنَ ٱلۡعَذَابِ ٱلۡمُهِینِ ﴿٣٠﴾

तथा निःसंदेह हमने इसराईल की संतान को अपमानकारी यातना से बचा लिया।


Arabic explanations of the Qur’an:

مِن فِرۡعَوۡنَۚ إِنَّهُۥ كَانَ عَالِیࣰا مِّنَ ٱلۡمُسۡرِفِینَ ﴿٣١﴾

फ़िरऔन से। निःसंदेह वह हद से बढ़ने वालों में से एक सरकश व्यक्ति था।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَلَقَدِ ٱخۡتَرۡنَـٰهُمۡ عَلَىٰ عِلۡمٍ عَلَى ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿٣٢﴾

तथा निःसंदेह हमने उन्हें ज्ञान के आधार पर संसार वासियों पर चुन लिया।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَءَاتَیۡنَـٰهُم مِّنَ ٱلۡـَٔایَـٰتِ مَا فِیهِ بَلَـٰۤؤࣱاْ مُّبِینٌ ﴿٣٣﴾

तथा हमने उन्हें ऐसी निशानियाँ प्रदान कीं, जिनमें खुली परीछा थी।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّ هَـٰۤؤُلَاۤءِ لَیَقُولُونَ ﴿٣٤﴾

निःसंदेह ये[5] लोग निश्चय कहते हैं।

5. अर्थात मक्का के मुश्रिक कहते हैं कि सांसारिक जीवन ही अंतिम जीवन है। इसके पश्चात् परलोक का जीवन नहीं है।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنۡ هِیَ إِلَّا مَوۡتَتُنَا ٱلۡأُولَىٰ وَمَا نَحۡنُ بِمُنشَرِینَ ﴿٣٥﴾

कि हमारी इस पहली मृत्यु के सिवा कोई (मृत्यु) नहीं, और न हम कभी दोबारा उठाए जाएँगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَأۡتُواْ بِـَٔابَاۤىِٕنَاۤ إِن كُنتُمۡ صَـٰدِقِینَ ﴿٣٦﴾

तो तुम हमारे बाप-दादा को ले आओ, यदि तुम सच्चे हो?


Arabic explanations of the Qur’an:

أَهُمۡ خَیۡرٌ أَمۡ قَوۡمُ تُبَّعࣲ وَٱلَّذِینَ مِن قَبۡلِهِمۡ أَهۡلَكۡنَـٰهُمۡۚ إِنَّهُمۡ كَانُواْ مُجۡرِمِینَ ﴿٣٧﴾

क्या ये लोग बेहतर हैं, अथवा तुब्बा' की जाति[6] तथा वे लोग जो उनसे पूर्व थे? हमने उन्हें विनष्ट कर दिया। निःसंदेह वे अपराधी थे।

6. तुब्बा' की जाति से अभिप्राय यमन की जाति सबा है। जिसके विनाश का वर्णन सूरत सबा में किया गया है। तुब्बा' ह़िम्यर जाति के शासकों की उपाधि थी जिसे उनकी अवज्ञा के कारण ध्वस्त कर दिया गया। (देखिए : सूरत सबा की आयत : 15 से 19 तक।)


Arabic explanations of the Qur’an:

وَمَا خَلَقۡنَا ٱلسَّمَـٰوَ ٰ⁠تِ وَٱلۡأَرۡضَ وَمَا بَیۡنَهُمَا لَـٰعِبِینَ ﴿٣٨﴾

और हमने आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है, खेलते हुए नहीं बनाया है।


Arabic explanations of the Qur’an:

مَا خَلَقۡنَـٰهُمَاۤ إِلَّا بِٱلۡحَقِّ وَلَـٰكِنَّ أَكۡثَرَهُمۡ لَا یَعۡلَمُونَ ﴿٣٩﴾

हमने उन दोनों को सत्य ही के साथ पैदा किया है, किंतु उनमें से अधिकतर लोग नहीं जानते।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّ یَوۡمَ ٱلۡفَصۡلِ مِیقَـٰتُهُمۡ أَجۡمَعِینَ ﴿٤٠﴾

निश्चय फ़ैसले[7] का दिन उन सब का नियत समय है।

7. अर्थात आकाशों तथा धरती की रचना लोगों की परीक्षा के लिए की गई है। और परीक्षा फल के लिए प्रलय का समय निर्धारित कर दिया गया है।


Arabic explanations of the Qur’an:

یَوۡمَ لَا یُغۡنِی مَوۡلًى عَن مَّوۡلࣰى شَیۡـࣰٔا وَلَا هُمۡ یُنصَرُونَ ﴿٤١﴾

जिस दिन कोई साथी किसी साथी के कुछ काम न आएगा और न उनकी सहायता की जाएगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِلَّا مَن رَّحِمَ ٱللَّهُۚ إِنَّهُۥ هُوَ ٱلۡعَزِیزُ ٱلرَّحِیمُ ﴿٤٢﴾

किंतु जिसपर अल्लाह ने दया की, निःसंदेह वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान है।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّ شَجَرَتَ ٱلزَّقُّومِ ﴿٤٣﴾

निःसंदेह ज़क़्क़ूम (थूहड़) का वृक्ष।


Arabic explanations of the Qur’an:

طَعَامُ ٱلۡأَثِیمِ ﴿٤٤﴾

पापी का भोजन है।


Arabic explanations of the Qur’an:

كَٱلۡمُهۡلِ یَغۡلِی فِی ٱلۡبُطُونِ ﴿٤٥﴾

पिघले हुए ताँबे (या तलछट) की तरह, पेटों में खौलता है।


Arabic explanations of the Qur’an:

كَغَلۡیِ ٱلۡحَمِیمِ ﴿٤٦﴾

गर्म पानी के खौलने की तरह।


Arabic explanations of the Qur’an:

خُذُوهُ فَٱعۡتِلُوهُ إِلَىٰ سَوَاۤءِ ٱلۡجَحِیمِ ﴿٤٧﴾

इसे पकड़ो, फिर इसे धधकती आग के बीच तक घसीटकर ले जाओ।


Arabic explanations of the Qur’an:

ثُمَّ صُبُّواْ فَوۡقَ رَأۡسِهِۦ مِنۡ عَذَابِ ٱلۡحَمِیمِ ﴿٤٨﴾

फिर खौलते हुए पानी की कुछ यातना उसके सिर पर उँडेल दो।[8]

8. ह़दीस में है कि इससे जो कुछ उसके भीतर होगा पिघलकर दोनों पाँव के बीच से निकल जाएगा, फिर उसे अपनी पहली दशा पर कर दिया जाएगा। (तिर्मिज़ी : 2582, इस ह़दीस की सनद हसन है।)


Arabic explanations of the Qur’an:

ذُقۡ إِنَّكَ أَنتَ ٱلۡعَزِیزُ ٱلۡكَرِیمُ ﴿٤٩﴾

चख, निःसंदेह तू ही वह व्यक्ति है जो बड़ा बलशाली और सम्माननीय है।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّ هَـٰذَا مَا كُنتُم بِهِۦ تَمۡتَرُونَ ﴿٥٠﴾

निःसंदे यह वही है जिसके बारे में तुम संदेह करते थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّ ٱلۡمُتَّقِینَ فِی مَقَامٍ أَمِینࣲ ﴿٥١﴾

निःसंदेह परहेज़गार लोग शांति एवं सुरक्षा वाली जगह में होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

فِی جَنَّـٰتࣲ وَعُیُونࣲ ﴿٥٢﴾

बाग़ों तथा जल स्रोतों में।


Arabic explanations of the Qur’an:

یَلۡبَسُونَ مِن سُندُسࣲ وَإِسۡتَبۡرَقࣲ مُّتَقَـٰبِلِینَ ﴿٥٣﴾

वे बारीक और गाढ़े रेशम के वस्त्र पहनेंगे, आमने-सामने बैठे होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

كَذَ ٰ⁠لِكَ وَزَوَّجۡنَـٰهُم بِحُورٍ عِینࣲ ﴿٥٤﴾

ऐसा ही होगा और हम उनका विवाह गोरे बदन, काली आँखों वाली औरतों से कर देंगे, जो बड़ी-बड़ी आँखों वाली होंगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

یَدۡعُونَ فِیهَا بِكُلِّ فَـٰكِهَةٍ ءَامِنِینَ ﴿٥٥﴾

वे उसमें निश्चिंत होकर हर प्रकार के फल मंगवाएँगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

لَا یَذُوقُونَ فِیهَا ٱلۡمَوۡتَ إِلَّا ٱلۡمَوۡتَةَ ٱلۡأُولَىٰۖ وَوَقَىٰهُمۡ عَذَابَ ٱلۡجَحِیمِ ﴿٥٦﴾

वे उसमें मृत्यु[9] का स्वाद नहीं चखेंगे, परंतु वह मृत्यु जो पहली थी, और वह (अल्लाह) उन्हें दहकती हुई आग के अज़ाब से बचा लेगा।

9. ह़दीस में है कि जब स्वर्गी स्वर्ग में और नारकी नरक में चले जाएँगे, तो मौत को स्वर्ग और नरक के बीच लाकर वध कर दिया जाएगा। और एलान कर दिया जाएगा कि अब मौत नहीं होगी। जिससे स्वर्गी प्रसन्न हो जाएँगे और नारकियों को शोक पर शोक हो जाएगा। (सह़ीह़ बुख़ारी : 6548, सह़ीह़ मुस्लिम : 2850)


Arabic explanations of the Qur’an:

فَضۡلࣰا مِّن رَّبِّكَۚ ذَ ٰ⁠لِكَ هُوَ ٱلۡفَوۡزُ ٱلۡعَظِیمُ ﴿٥٧﴾

आपके पालनहार की ओर से अनुग्रह के कारण। यही बहुत बड़ी सफलता है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَإِنَّمَا یَسَّرۡنَـٰهُ بِلِسَانِكَ لَعَلَّهُمۡ یَتَذَكَّرُونَ ﴿٥٨﴾

सो तथ्य यही है कि हमने इसे आपकी भाषा में आसान कर दिया है, ताकि वे नसीहत ग्रहण करें।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَٱرۡتَقِبۡ إِنَّهُم مُّرۡتَقِبُونَ ﴿٥٩﴾

अतः आप प्रतीक्षा करें,[10] निःसंदेह वे भी प्रतीक्षा करने वाले हैं।

10. अर्थात परिणाम की।


Arabic explanations of the Qur’an: