Surah सूरा अर्-रह़मान - Ar-Rahmān

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Surah सूरा अर्-रह़मान - Ar-Rahmān - Aya count 78

ٱلرَّحۡمَـٰنُ ﴿١﴾

अत्यंत दयावान् ने।


Arabic explanations of the Qur’an:

عَلَّمَ ٱلۡقُرۡءَانَ ﴿٢﴾

यह क़ुरआन सिखाया।


Arabic explanations of the Qur’an:

خَلَقَ ٱلۡإِنسَـٰنَ ﴿٣﴾

उसने मनुष्य को पैदा किया।


Arabic explanations of the Qur’an:

عَلَّمَهُ ٱلۡبَیَانَ ﴿٤﴾

उसे बात करना सिखाया।


Arabic explanations of the Qur’an:

ٱلشَّمۡسُ وَٱلۡقَمَرُ بِحُسۡبَانࣲ ﴿٥﴾

सूर्य तथा चंद्रमा एक हिसाब से चल रहे हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَٱلنَّجۡمُ وَٱلشَّجَرُ یَسۡجُدَانِ ﴿٦﴾

तथा बिना तने के पौधे और पेड़ सजदा करते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَٱلسَّمَاۤءَ رَفَعَهَا وَوَضَعَ ٱلۡمِیزَانَ ﴿٧﴾

और उसने आकाश को ऊँचा किया और न्याय का संतुलन स्थापित किया।[1]

1. (देखिए : सूरतुल-ह़दीद, आयत : 25) अर्थ यह है कि धरती में न्याय का नियम बनाया और उसके पालन का आदेश दिया।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَلَّا تَطۡغَوۡاْ فِی ٱلۡمِیزَانِ ﴿٨﴾

ताकि तुम माप-तौल में अति न करो।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَأَقِیمُواْ ٱلۡوَزۡنَ بِٱلۡقِسۡطِ وَلَا تُخۡسِرُواْ ٱلۡمِیزَانَ ﴿٩﴾

तथा न्याय के साथ तौल को सीधा रखो और माप-तौल में कमी न करो।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَٱلۡأَرۡضَ وَضَعَهَا لِلۡأَنَامِ ﴿١٠﴾

और उसने धरती को सृष्टि के लिए (रहने योग्य) बनाया।


Arabic explanations of the Qur’an:

فِیهَا فَـٰكِهَةࣱ وَٱلنَّخۡلُ ذَاتُ ٱلۡأَكۡمَامِ ﴿١١﴾

उसमें फल हैं, तथा आवरणों वाले खजूर के वृक्ष हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَٱلۡحَبُّ ذُو ٱلۡعَصۡفِ وَٱلرَّیۡحَانُ ﴿١٢﴾

और भूसे वाले अन्न तथा सुगंधित पौधे हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿١٣﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

خَلَقَ ٱلۡإِنسَـٰنَ مِن صَلۡصَـٰلࣲ كَٱلۡفَخَّارِ ﴿١٤﴾

उसने मनुष्य को ठीकरी की तरह बजने वाली मिट्टी से पैदा किया।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَخَلَقَ ٱلۡجَاۤنَّ مِن مَّارِجࣲ مِّن نَّارࣲ ﴿١٥﴾

तथा जिन्नों को आग की ज्वाला से पैदा किया।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿١٦﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

رَبُّ ٱلۡمَشۡرِقَیۡنِ وَرَبُّ ٱلۡمَغۡرِبَیۡنِ ﴿١٧﴾

(वह) सूर्योदय[2] के दोनों स्थानों तथा सूर्यास्त के दोनों स्थानों का रब है।

2. गर्मी तथा जाड़े में सूर्योदय तथा सूर्यास्त के स्थानों का। इससे अभिप्राय पूर्व तथा पश्चिम की दिशा नहीं है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿١٨﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

مَرَجَ ٱلۡبَحۡرَیۡنِ یَلۡتَقِیَانِ ﴿١٩﴾

उसने दो सागरों को मिला दिया, जो (देखने में) आपस में मिलते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

بَیۡنَهُمَا بَرۡزَخࣱ لَّا یَبۡغِیَانِ ﴿٢٠﴾

उन दोनों के बीच एक अवरोध है (जिससे) वे आगे नहीं बढ़ते।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٢١﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

یَخۡرُجُ مِنۡهُمَا ٱللُّؤۡلُؤُ وَٱلۡمَرۡجَانُ ﴿٢٢﴾

उन दोनों से मोती और मूँगा निकलते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٢٣﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

وَلَهُ ٱلۡجَوَارِ ٱلۡمُنشَـَٔاتُ فِی ٱلۡبَحۡرِ كَٱلۡأَعۡلَـٰمِ ﴿٢٤﴾

तथा उसी के अधिकार में हैं समुद्र में चलने वाले पहाड़ों जैसे जहाज़।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٢٥﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

كُلُّ مَنۡ عَلَیۡهَا فَانࣲ ﴿٢٦﴾

हर कोई जो इस (धरती) पर है, नष्ट होने वाला है।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَیَبۡقَىٰ وَجۡهُ رَبِّكَ ذُو ٱلۡجَلَـٰلِ وَٱلۡإِكۡرَامِ ﴿٢٧﴾

तथा आपके पालनहार का चेहरा बाक़ी रहेगा, जो बड़ी महिमा और सम्मान वाला है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٢٨﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

یَسۡـَٔلُهُۥ مَن فِی ٱلسَّمَـٰوَ ٰ⁠تِ وَٱلۡأَرۡضِۚ كُلَّ یَوۡمٍ هُوَ فِی شَأۡنࣲ ﴿٢٩﴾

उसी से माँगता है, जो कोई आकाशों तथा धरती में है। वह प्रतिदिन एक (नए) कार्य में है।[3]

3. अर्थात वह अपनी उत्पत्ति की आवश्यकताएँ पूरी करता, प्रार्थनाएँ सुनता, सहायता करता, रोगी को निरोग करता, अपनी दया प्रदान करता, तथा अपमान-सम्मान और विजय-प्राजय देता और अनगिनत कार्य करता है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٣٠﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

سَنَفۡرُغُ لَكُمۡ أَیُّهَ ٱلثَّقَلَانِ ﴿٣١﴾

हम जल्द ही तुम्हारे लिए फ़ारिग़ होंगे[4] ऐ दो भारी समूहो! (जिन्नो और इनसानो!)[5]

4. इस वाक्या का अर्थ मुह़ावरे में धमकी देना और सावधान करना है। 5. इसमें प्रलय के दिन की ओर संकेत है जब सब मनुष्यों और जिन्नों के कर्मों का ह़िसाब लिया जाएगा।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٣٢﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

یَـٰمَعۡشَرَ ٱلۡجِنِّ وَٱلۡإِنسِ إِنِ ٱسۡتَطَعۡتُمۡ أَن تَنفُذُواْ مِنۡ أَقۡطَارِ ٱلسَّمَـٰوَ ٰ⁠تِ وَٱلۡأَرۡضِ فَٱنفُذُواْۚ لَا تَنفُذُونَ إِلَّا بِسُلۡطَـٰنࣲ ﴿٣٣﴾

ऐ जिन्न तथा मनुष्य के समूह! यदि तुम आकाशों तथा धरती के किनारों से निकल सकते हो, तो निकल भागो, (परंतु) तुम शक्ति (प्रभुत्व) के बिना नहीं निकल सकोगे।[6]

6. अर्थ यह है कि अल्लाह की पकड़ से बच निकलना तुम्हारे बस में नहीं है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٣٤﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

یُرۡسَلُ عَلَیۡكُمَا شُوَاظࣱ مِّن نَّارࣲ وَنُحَاسࣱ فَلَا تَنتَصِرَانِ ﴿٣٥﴾

तुम दोनों पर आग का ज्वाला तथा धुआँ छोड़ा जाएगा। फिर तुम अपने आपको बचा नहीं सकोगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٣٦﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

فَإِذَا ٱنشَقَّتِ ٱلسَّمَاۤءُ فَكَانَتۡ وَرۡدَةࣰ كَٱلدِّهَانِ ﴿٣٧﴾

फिर जब आकाश फट जाएगा, तो वह तेल की तरह लाल हो जाएगा।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٣٨﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

فَیَوۡمَىِٕذࣲ لَّا یُسۡـَٔلُ عَن ذَنۢبِهِۦۤ إِنسࣱ وَلَا جَاۤنࣱّ ﴿٣٩﴾

फिर उस दिन न किसी मनुष्य से उसके गुनाह के बारे में पूछा जाएगा और न किसी जिन्न से।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٤٠﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

یُعۡرَفُ ٱلۡمُجۡرِمُونَ بِسِیمَـٰهُمۡ فَیُؤۡخَذُ بِٱلنَّوَ ٰ⁠صِی وَٱلۡأَقۡدَامِ ﴿٤١﴾

अपराधियों की पहचान उनके चिह्नों से होगी, फिर माथे के बालों और पैरों से (उन्हें) पकड़ा जाएगा।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٤٢﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

هَـٰذِهِۦ جَهَنَّمُ ٱلَّتِی یُكَذِّبُ بِهَا ٱلۡمُجۡرِمُونَ ﴿٤٣﴾

यही है वह जहन्नम, जिसे अपराधी लोग झुठलाते थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

یَطُوفُونَ بَیۡنَهَا وَبَیۡنَ حَمِیمٍ ءَانࣲ ﴿٤٤﴾

वे उसके और खौलते हुए पानी के बीच चक्कर लगा रहे होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٤٥﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

وَلِمَنۡ خَافَ مَقَامَ رَبِّهِۦ جَنَّتَانِ ﴿٤٦﴾

और जो व्यक्ति अपने पालनहार के समक्ष खड़े होने से डर गया, उसके लिए दो बाग़ हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٤٧﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

ذَوَاتَاۤ أَفۡنَانࣲ ﴿٤٨﴾

दोनों बहुत शाखाओं वाले हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٤٩﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

فِیهِمَا عَیۡنَانِ تَجۡرِیَانِ ﴿٥٠﴾

उन दोनों में दो जल स्रोत बहते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٥١﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

فِیهِمَا مِن كُلِّ فَـٰكِهَةࣲ زَوۡجَانِ ﴿٥٢﴾

उन दोनों में प्रत्येक फल के दो प्रकार हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٥٣﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

مُتَّكِـِٔینَ عَلَىٰ فُرُشِۭ بَطَاۤىِٕنُهَا مِنۡ إِسۡتَبۡرَقࣲۚ وَجَنَى ٱلۡجَنَّتَیۡنِ دَانࣲ ﴿٥٤﴾

ऐसे बिस्तरों पर तकिए लगाए होंगे, जिनके स्तर मोटे रेशम के हैं और दोनों बाग़ों के फल निकट हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٥٥﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

فِیهِنَّ قَـٰصِرَ ٰ⁠تُ ٱلطَّرۡفِ لَمۡ یَطۡمِثۡهُنَّ إِنسࣱ قَبۡلَهُمۡ وَلَا جَاۤنࣱّ ﴿٥٦﴾

उनमें नीची निगाहों वाली औरतें हैं, जिन्हें उनसे पहले न किसी मनुष्य ने हाथ लगाया है और न किसी जिन्न ने।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٥٧﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

كَأَنَّهُنَّ ٱلۡیَاقُوتُ وَٱلۡمَرۡجَانُ ﴿٥٨﴾

मानो वे (स्त्रियाँ) माणिक और मूँगा हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٥٩﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

هَلۡ جَزَاۤءُ ٱلۡإِحۡسَـٰنِ إِلَّا ٱلۡإِحۡسَـٰنُ ﴿٦٠﴾

एहसान का बदला एहसान के सिवा क्या है?


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٦١﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

وَمِن دُونِهِمَا جَنَّتَانِ ﴿٦٢﴾

तथा इन दो (बाग़ों) के अलावा और दो बाग़ हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٦٣﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

مُدۡهَاۤمَّتَانِ ﴿٦٤﴾

दोनों गहरे हरे रंग के हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٦٥﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

فِیهِمَا عَیۡنَانِ نَضَّاخَتَانِ ﴿٦٦﴾

उन दोनों में जोश मारते हुए दो जल स्रोत हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٦٧﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

فِیهِمَا فَـٰكِهَةࣱ وَنَخۡلࣱ وَرُمَّانࣱ ﴿٦٨﴾

उन दोनों में फल तथा खजूर के पेड़ और अनार हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٦٩﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

فِیهِنَّ خَیۡرَ ٰ⁠تٌ حِسَانࣱ ﴿٧٠﴾

उनमें कई अच्छे व्यवहार वाली, खूबसूरत महिलाएं हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٧١﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

حُورࣱ مَّقۡصُورَ ٰ⁠تࣱ فِی ٱلۡخِیَامِ ﴿٧٢﴾

हूरें (यानी गोरे बदन, काली आँखों वाली औरतें), जो खेमों में रोकी हुई हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٧٣﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

لَمۡ یَطۡمِثۡهُنَّ إِنسࣱ قَبۡلَهُمۡ وَلَا جَاۤنࣱّ ﴿٧٤﴾

उनसे पहले न तो किसी मनुष्य ने उन्हें छुआ है और न ही किसी जिन्न ने।[7]

7. ह़दीस में है कि यदि स्वर्ग की कोई सुंदरी संसार वासियों की ओर झाँक दे, तो दोनों के बीच उजाला हो जाए और उन्हें सुगंध से भर दे। (सह़ीह़ बुख़ारी शरीफ़ : 2796)


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٧٥﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

مُتَّكِـِٔینَ عَلَىٰ رَفۡرَفٍ خُضۡرࣲ وَعَبۡقَرِیٍّ حِسَانࣲ ﴿٧٦﴾

वे हरी और उत्कृष्ट एवं अति सुंदर क़ालीनों पर तकिया लगाए होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ ءَالَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ ﴿٧٧﴾

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?


Arabic explanations of the Qur’an:

تَبَـٰرَكَ ٱسۡمُ رَبِّكَ ذِی ٱلۡجَلَـٰلِ وَٱلۡإِكۡرَامِ ﴿٧٨﴾

बहुत बरकत वाला है आपके पालनहार का नाम, जो बड़ी महिमा और सम्मान वाला है।


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