Surah सूरा अल्-वाक़िआ़ - Al-Wāqi‘ah

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Surah सूरा अल्-वाक़िआ़ - Al-Wāqi‘ah - Aya count 96

إِذَا وَقَعَتِ ٱلۡوَاقِعَةُ ﴿١﴾

जब घटित होने वाली घटित हो जाएगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

لَیۡسَ لِوَقۡعَتِهَا كَاذِبَةٌ ﴿٢﴾

उसके घटित होने में कोई झूठ नहीं।


Arabic explanations of the Qur’an:

خَافِضَةࣱ رَّافِعَةٌ ﴿٣﴾

नीचे करने वाली, ऊपर उठाने वाली।[1]

1. इससे अभिप्राय प्रलय है। जो सत्य के विरोधियों को नीचा करके नरक तक पहुँचाएगी। तथा आज्ञाकारियों को स्वर्ग के ऊँचे स्थान तक पहुँचाएगी। आरंभिक आयतों में प्रलय के होने की चर्चा, फिर उस दिन लोगों के तीन भागों में विभाजित होने का वर्णन किया गया है।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِذَا رُجَّتِ ٱلۡأَرۡضُ رَجࣰّا ﴿٤﴾

जब धरती तेज़ी से हिलाई जाएगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَبُسَّتِ ٱلۡجِبَالُ بَسࣰّا ﴿٥﴾

और पर्वत ख़ूब चूर्ण-विचूर्ण कर दिए जाएँगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَكَانَتۡ هَبَاۤءࣰ مُّنۢبَثࣰّا ﴿٦﴾

तो वे बिखरी हुई धूल हो जाएँगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَكُنتُمۡ أَزۡوَ ٰ⁠جࣰا ثَلَـٰثَةࣰ ﴿٧﴾

और तुम तीन प्रकार के लोग हो जाओगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَأَصۡحَـٰبُ ٱلۡمَیۡمَنَةِ مَاۤ أَصۡحَـٰبُ ٱلۡمَیۡمَنَةِ ﴿٨﴾

तो दाहिने हाथ वाले, क्या ही अच्छे हैं दाहिने हाथ वाले![2]

2. दाहिने हाथ वाले से अभिप्राय वे लोग हैं जिनका कर्मपत्र दाहिने हाथ में दिया जाएगा। तथा बाएँ हाथ वाले वे दुराचारी होंगे जिनका कर्मपत्र बाएँ हाथ में दिया जाएगा।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَأَصۡحَـٰبُ ٱلۡمَشۡـَٔمَةِ مَاۤ أَصۡحَـٰبُ ٱلۡمَشۡـَٔمَةِ ﴿٩﴾

और बाएँ हाथ वाले, क्या बुरे हैं बाएँ हाथ वाले!


Arabic explanations of the Qur’an:

وَٱلسَّـٰبِقُونَ ٱلسَّـٰبِقُونَ ﴿١٠﴾

और जो पहल करने वाले हैं, वही आगे बढ़ने वाले हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

أُوْلَـٰۤىِٕكَ ٱلۡمُقَرَّبُونَ ﴿١١﴾

यही लोग निकट किए हुए हैं।[3]

3. अर्थात अल्लाह के प्रियवर और उसके समीप होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

فِی جَنَّـٰتِ ٱلنَّعِیمِ ﴿١٢﴾

नेमत के बाग़ों में।


Arabic explanations of the Qur’an:

ثُلَّةࣱ مِّنَ ٱلۡأَوَّلِینَ ﴿١٣﴾

पहले लोगों में से एक बहुत बड़ा समूह।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَقَلِیلࣱ مِّنَ ٱلۡـَٔاخِرِینَ ﴿١٤﴾

तथा थोड़े-से पिछले लोगों में से होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

عَلَىٰ سُرُرࣲ مَّوۡضُونَةࣲ ﴿١٥﴾

सोने के तारों से बुने हुए तख़्तों पर।


Arabic explanations of the Qur’an:

مُّتَّكِـِٔینَ عَلَیۡهَا مُتَقَـٰبِلِینَ ﴿١٦﴾

उनपर तकिया लगाए आमने-सामने बैठे होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

یَطُوفُ عَلَیۡهِمۡ وِلۡدَ ٰ⁠نࣱ مُّخَلَّدُونَ ﴿١٧﴾

उनके आस-पास (सेवा के लिए) ऐसे बालक फिर रहे होंगे, जो सदा (बालक) ही रहेंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

بِأَكۡوَابࣲ وَأَبَارِیقَ وَكَأۡسࣲ مِّن مَّعِینࣲ ﴿١٨﴾

ऐसे प्याले َऔर सुराहियाँ और छलकते जाम लेकर जो बहती शराब की होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

لَّا یُصَدَّعُونَ عَنۡهَا وَلَا یُنزِفُونَ ﴿١٩﴾

वे न उससे सिरदर्द से पीड़ित होंगे और न ही उनकी बुद्धि प्रभावित होगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَفَـٰكِهَةࣲ مِّمَّا یَتَخَیَّرُونَ ﴿٢٠﴾

तथा ऐसे फल लेकर जिन्हें वे पसंद करते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَلَحۡمِ طَیۡرࣲ مِّمَّا یَشۡتَهُونَ ﴿٢١﴾

तथा पक्षियों का मांस लेकर जिसकी वे इच्छा रखते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَحُورٌ عِینࣱ ﴿٢٢﴾

और बड़ी-बड़ी नैनों वाली गोरियाँ होंगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

كَأَمۡثَـٰلِ ٱللُّؤۡلُوِٕ ٱلۡمَكۡنُونِ ﴿٢٣﴾

छिपाकर रखे हुए मोतियों के समान।


Arabic explanations of the Qur’an:

جَزَاۤءَۢ بِمَا كَانُواْ یَعۡمَلُونَ ﴿٢٤﴾

उसके बदले में जो वे (संसार में) किया करते थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

لَا یَسۡمَعُونَ فِیهَا لَغۡوࣰا وَلَا تَأۡثِیمًا ﴿٢٥﴾

वे उस में न कोई व्यर्थ बात सुनेंगे और न पाप की बात।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِلَّا قِیلࣰا سَلَـٰمࣰا سَلَـٰمࣰا ﴿٢٦﴾

केवल सलाम ही सलाम की आवाज़ होगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَأَصۡحَـٰبُ ٱلۡیَمِینِ مَاۤ أَصۡحَـٰبُ ٱلۡیَمِینِ ﴿٢٧﴾

और दाहिने हाथ वाले, क्या ही अच्छे हैं दाहिने हाथ वाले!


Arabic explanations of the Qur’an:

فِی سِدۡرࣲ مَّخۡضُودࣲ ﴿٢٨﴾

वे बिना कँटीले बेरियों में होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَطَلۡحࣲ مَّنضُودࣲ ﴿٢٩﴾

तथा परत-दर-परत लगे हुए केलों में।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَظِلࣲّ مَّمۡدُودࣲ ﴿٣٠﴾

और ऐसी छाया में जो अच्छी तरह फैली हुई है।[4]

4. ह़दीस में है कि स्वर्ग में एक वृक्ष है जिसकी छाया में सवार सौ वर्ष चलेगा फिर भी वह समाप्त नहीं होगी। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4881)


Arabic explanations of the Qur’an:

وَمَاۤءࣲ مَّسۡكُوبࣲ ﴿٣١﴾

और प्रवाहित जल में।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَفَـٰكِهَةࣲ كَثِیرَةࣲ ﴿٣٢﴾

तथा बहुत अधिक फलों में।


Arabic explanations of the Qur’an:

لَّا مَقۡطُوعَةࣲ وَلَا مَمۡنُوعَةࣲ ﴿٣٣﴾

जो न कभी समाप्त होंगे और न उनसे कोई रोक-टोक होगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَفُرُشࣲ مَّرۡفُوعَةٍ ﴿٣٤﴾

और ऊँचे बिस्तरों पर होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّاۤ أَنشَأۡنَـٰهُنَّ إِنشَاۤءࣰ ﴿٣٥﴾

निःसंदेह हमने उनको एक विशेष रूप से पैदा किया है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَجَعَلۡنَـٰهُنَّ أَبۡكَارًا ﴿٣٦﴾

तो हमने उन्हें कुँवारियाँ बनाया है।


Arabic explanations of the Qur’an:

عُرُبًا أَتۡرَابࣰا ﴿٣٧﴾

जो पतियों को प्रिय और समान आयु वाली हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

لِّأَصۡحَـٰبِ ٱلۡیَمِینِ ﴿٣٨﴾

दाहिने हाथ वालों के लिए।


Arabic explanations of the Qur’an:

ثُلَّةࣱ مِّنَ ٱلۡأَوَّلِینَ ﴿٣٩﴾

एक बड़ा समूह पहले लोगों में से हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَثُلَّةࣱ مِّنَ ٱلۡـَٔاخِرِینَ ﴿٤٠﴾

तथा एक बड़ा समूह पिछले लोगों में से हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَأَصۡحَـٰبُ ٱلشِّمَالِ مَاۤ أَصۡحَـٰبُ ٱلشِّمَالِ ﴿٤١﴾

और बाएँ हाथ वाले, क्या ही बुरे हैं बाएँ हाथ वाले!


Arabic explanations of the Qur’an:

فِی سَمُومࣲ وَحَمِیمࣲ ﴿٤٢﴾

(वे) गर्म हवा तथा खौलते जल में होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَظِلࣲّ مِّن یَحۡمُومࣲ ﴿٤٣﴾

और काले धुएँ के साये में होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

لَّا بَارِدࣲ وَلَا كَرِیمٍ ﴿٤٤﴾

जो न शीतल होगा और न देखने में अच्छी ही लगेगा।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّهُمۡ كَانُواْ قَبۡلَ ذَ ٰ⁠لِكَ مُتۡرَفِینَ ﴿٤٥﴾

निश्चय वे इससे पहले (दुनिया की) सुख-सुविधाओं का आनंद ले रहे थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَكَانُواْ یُصِرُّونَ عَلَى ٱلۡحِنثِ ٱلۡعَظِیمِ ﴿٤٦﴾

तथा वे बड़े गुनाह पर अड़े रहते थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَكَانُواْ یَقُولُونَ أَىِٕذَا مِتۡنَا وَكُنَّا تُرَابࣰا وَعِظَـٰمًا أَءِنَّا لَمَبۡعُوثُونَ ﴿٤٧﴾

और वे कहा करते थे कि क्या जब हम मर जाएँगे और हम मिट्टी तथा हड्डियाँ हो जाएँगे, तो क्या सचमुच हम अवश्य उठाए जाने वाले हैं?


Arabic explanations of the Qur’an:

أَوَءَابَاۤؤُنَا ٱلۡأَوَّلُونَ ﴿٤٨﴾

और क्या हमारे पहले बाप-दादा भी?


Arabic explanations of the Qur’an:

قُلۡ إِنَّ ٱلۡأَوَّلِینَ وَٱلۡـَٔاخِرِینَ ﴿٤٩﴾

आप कह दें : निःसंदेह अगले तथा पिछले (सभी) लोग।


Arabic explanations of the Qur’an:

لَمَجۡمُوعُونَ إِلَىٰ مِیقَـٰتِ یَوۡمࣲ مَّعۡلُومࣲ ﴿٥٠﴾

एक ज्ञात दिन के निश्चित समय पर अवश्य एकत्र किए जाने वाले हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

ثُمَّ إِنَّكُمۡ أَیُّهَا ٱلضَّاۤلُّونَ ٱلۡمُكَذِّبُونَ ﴿٥١﴾

फिर निःसंदेह तुम ऐ गुमराहो! झुठलाने वालो!


Arabic explanations of the Qur’an:

لَـَٔاكِلُونَ مِن شَجَرࣲ مِّن زَقُّومࣲ ﴿٥٢﴾

निश्चय ही ज़क़्क़ूम (थूहड़) के वृक्ष में से खाने वाले हो।[5]

5. (देखिए : सूरह साफ़्फ़ात, आयत : 62)


Arabic explanations of the Qur’an:

فَمَالِـُٔونَ مِنۡهَا ٱلۡبُطُونَ ﴿٥٣﴾

फिर उससे अपने पेट भरने वाले हो।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَشَـٰرِبُونَ عَلَیۡهِ مِنَ ٱلۡحَمِیمِ ﴿٥٤﴾

फिर उसपर खौलते पानी से पीने वाले हो।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَشَـٰرِبُونَ شُرۡبَ ٱلۡهِیمِ ﴿٥٥﴾

फिर पीने वाले हो प्यास की बीमारी वाले ऊँट[6] के समान।

6. यह ऊँट में एक विशेष रोग होता है जिससे उसकी प्यास नहीं जाती।


Arabic explanations of the Qur’an:

هَـٰذَا نُزُلُهُمۡ یَوۡمَ ٱلدِّینِ ﴿٥٦﴾

यह बदले के दिन उनकी मेहमाननवाज़ी है।


Arabic explanations of the Qur’an:

نَحۡنُ خَلَقۡنَـٰكُمۡ فَلَوۡلَا تُصَدِّقُونَ ﴿٥٧﴾

हमने ही तुम्हें पैदा किया, फिर तुम (पुनः जीवित किए जाने को) क्यों सच नहीं मानते?


Arabic explanations of the Qur’an:

أَفَرَءَیۡتُم مَّا تُمۡنُونَ ﴿٥٨﴾

तो क्या तुमने उस वीर्य पर विचार किया, जो तुम टपकाते हो?


Arabic explanations of the Qur’an:

ءَأَنتُمۡ تَخۡلُقُونَهُۥۤ أَمۡ نَحۡنُ ٱلۡخَـٰلِقُونَ ﴿٥٩﴾

क्या तुम उसे पैदा करते हो, या हम ही पैदा करने वाले हैं?


Arabic explanations of the Qur’an:

نَحۡنُ قَدَّرۡنَا بَیۡنَكُمُ ٱلۡمَوۡتَ وَمَا نَحۡنُ بِمَسۡبُوقِینَ ﴿٦٠﴾

हम ही ने तुम्हारे बीच मृत्यु का समय निश्चित किया है और हम कदापि विवश नहीं हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

عَلَىٰۤ أَن نُّبَدِّلَ أَمۡثَـٰلَكُمۡ وَنُنشِئَكُمۡ فِی مَا لَا تَعۡلَمُونَ ﴿٦١﴾

कि हम तुम्हारे रूप को परिवर्तित कर दें और तुम्हें ऐसी शक्ल-सूरत में पैदा कर दें, जिसे तुम नहीं जानते।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَلَقَدۡ عَلِمۡتُمُ ٱلنَّشۡأَةَ ٱلۡأُولَىٰ فَلَوۡلَا تَذَكَّرُونَ ﴿٦٢﴾

तथा निश्चय ही तुम पहली पैदाइश को जान चुके हो, फिर तुम नसीहत ग्रहण क्यों नहीं करते?


Arabic explanations of the Qur’an:

أَفَرَءَیۡتُم مَّا تَحۡرُثُونَ ﴿٦٣﴾

फिर क्या तुमने उसपर विचार किया जो कुछ तुम बोते हो?


Arabic explanations of the Qur’an:

ءَأَنتُمۡ تَزۡرَعُونَهُۥۤ أَمۡ نَحۡنُ ٱلزَّ ٰ⁠رِعُونَ ﴿٦٤﴾

क्या तुम उसे उगाते हो, या हम ही उगाने वाले हैं?


Arabic explanations of the Qur’an:

لَوۡ نَشَاۤءُ لَجَعَلۡنَـٰهُ حُطَـٰمࣰا فَظَلۡتُمۡ تَفَكَّهُونَ ﴿٦٥﴾

यदि हम चाहें, तो अवश्य उसे चूर-चूर कर दें, फिर तुम आश्चर्य करते रह जाओ।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّا لَمُغۡرَمُونَ ﴿٦٦﴾

कि निःसंदेह हमपर दाँड डाल दिया गया।


Arabic explanations of the Qur’an:

بَلۡ نَحۡنُ مَحۡرُومُونَ ﴿٦٧﴾

बल्कि हम वंचित हो गए हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَفَرَءَیۡتُمُ ٱلۡمَاۤءَ ٱلَّذِی تَشۡرَبُونَ ﴿٦٨﴾

फिर क्या तुमने उस पानी पर विचार किया, जो तुम पीते हो?


Arabic explanations of the Qur’an:

ءَأَنتُمۡ أَنزَلۡتُمُوهُ مِنَ ٱلۡمُزۡنِ أَمۡ نَحۡنُ ٱلۡمُنزِلُونَ ﴿٦٩﴾

क्या तुमने उसे बादल से उतारा है, या हम ही उतारने वाले हैं?


Arabic explanations of the Qur’an:

لَوۡ نَشَاۤءُ جَعَلۡنَـٰهُ أُجَاجࣰا فَلَوۡلَا تَشۡكُرُونَ ﴿٧٠﴾

यदि हम चाहें, तो उसे अत्यंत खारा बना दें, फिर तुम शुक्र अदा क्यों नहीं करते?


Arabic explanations of the Qur’an:

أَفَرَءَیۡتُمُ ٱلنَّارَ ٱلَّتِی تُورُونَ ﴿٧١﴾

फिर क्या तुमने उस आग पर विचार किया, जो तुम सुलगाते हो?


Arabic explanations of the Qur’an:

ءَأَنتُمۡ أَنشَأۡتُمۡ شَجَرَتَهَاۤ أَمۡ نَحۡنُ ٱلۡمُنشِـُٔونَ ﴿٧٢﴾

क्या तुमने उसके वृक्ष को पैदा किया है, या हम ही पैदा करने वाले हैं?


Arabic explanations of the Qur’an:

نَحۡنُ جَعَلۡنَـٰهَا تَذۡكِرَةࣰ وَمَتَـٰعࣰا لِّلۡمُقۡوِینَ ﴿٧٣﴾

हमने ही उसे यात्रियों के लिए एक नसीहत तथा लाभ का सामान बनाया है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَسَبِّحۡ بِٱسۡمِ رَبِّكَ ٱلۡعَظِیمِ ﴿٧٤﴾

अतः (ऐ नबी!) आप अपने महान पालनहार के नाम की तसबीह करें।


Arabic explanations of the Qur’an:

۞ فَلَاۤ أُقۡسِمُ بِمَوَ ٰ⁠قِعِ ٱلنُّجُومِ ﴿٧٥﴾

अतः नहीं! मैं सितारों के गिरने की जगहों की क़सम खाता हूँ!


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِنَّهُۥ لَقَسَمࣱ لَّوۡ تَعۡلَمُونَ عَظِیمٌ ﴿٧٦﴾

और निःसंदेह यह निश्चय ऐसी क़सम है कि यदि तुम जानो तो बहुत बड़ी है।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّهُۥ لَقُرۡءَانࣱ كَرِیمࣱ ﴿٧٧﴾

निःसंदेह, यह निश्चित रूप से एक प्रतिष्ठित क़ुरआन है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فِی كِتَـٰبࣲ مَّكۡنُونࣲ ﴿٧٨﴾

एक छिपाकर रखी हुई[7] किताब में (अंकित) है।

7. इससे अभिप्राय 'लौह़े मह़फ़ूज़' है।


Arabic explanations of the Qur’an:

لَّا یَمَسُّهُۥۤ إِلَّا ٱلۡمُطَهَّرُونَ ﴿٧٩﴾

इसे कोई नहीं छूता सिवाय उनके जो बहुत पवित्र किए गए हैं।[8]

8. इससे अभिप्राय फ़रिश्तें हैं। (देखिए : सूरत अबस, आयत : 15-16)


Arabic explanations of the Qur’an:

تَنزِیلࣱ مِّن رَّبِّ ٱلۡعَـٰلَمِینَ ﴿٨٠﴾

यह सारे संसार के पालनहार की ओर से उतारा गया है।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَفَبِهَـٰذَا ٱلۡحَدِیثِ أَنتُم مُّدۡهِنُونَ ﴿٨١﴾

फिर क्या तुम इस वाणी की उपेक्षा करने वाले हो?


Arabic explanations of the Qur’an:

وَتَجۡعَلُونَ رِزۡقَكُمۡ أَنَّكُمۡ تُكَذِّبُونَ ﴿٨٢﴾

तथा तुम (क़ुरआन से) अपना हिस्सा यह बनाते हो कि तुम (इसे) झुठलाते हो?


Arabic explanations of the Qur’an:

فَلَوۡلَاۤ إِذَا بَلَغَتِ ٱلۡحُلۡقُومَ ﴿٨٣﴾

फिर क्यों नहीं जब वह (प्राण) गले को पहुँच जाता है।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَأَنتُمۡ حِینَىِٕذࣲ تَنظُرُونَ ﴿٨٤﴾

और तुम उस समय देख रहे होते हो।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَنَحۡنُ أَقۡرَبُ إِلَیۡهِ مِنكُمۡ وَلَـٰكِن لَّا تُبۡصِرُونَ ﴿٨٥﴾

तथा हम तुमसे अधिक उसके निकट होते हैं, परंतु तुम नहीं देखते।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَلَوۡلَاۤ إِن كُنتُمۡ غَیۡرَ مَدِینِینَ ﴿٨٦﴾

तो अगर तुम (किसी के) अधीन नहीं हैं तो क्यों नहीं।


Arabic explanations of the Qur’an:

تَرۡجِعُونَهَاۤ إِن كُنتُمۡ صَـٰدِقِینَ ﴿٨٧﴾

तुम उसे वापस ले आते, यदि तुम सच्चे हो?


Arabic explanations of the Qur’an:

فَأَمَّاۤ إِن كَانَ مِنَ ٱلۡمُقَرَّبِینَ ﴿٨٨﴾

फिर यदि वह निकटवर्तियों में से है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَرَوۡحࣱ وَرَیۡحَانࣱ وَجَنَّتُ نَعِیمࣲ ﴿٨٩﴾

तो उसके लिए आराम और अच्छी जीविका और नेमतों से भरी जन्नत है।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَأَمَّاۤ إِن كَانَ مِنۡ أَصۡحَـٰبِ ٱلۡیَمِینِ ﴿٩٠﴾

और यदि वह दाहिने हाथ वालों में से है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَسَلَـٰمࣱ لَّكَ مِنۡ أَصۡحَـٰبِ ٱلۡیَمِینِ ﴿٩١﴾

तो (कहा जाएगा) तेरे लिए सलामती है (कि तू) दाहिने हाथ वालों में से है।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَأَمَّاۤ إِن كَانَ مِنَ ٱلۡمُكَذِّبِینَ ٱلضَّاۤلِّینَ ﴿٩٢﴾

और यदि वह व्यक्ति झुठलाने वाले गुमराहों में से है,


Arabic explanations of the Qur’an:

فَنُزُلࣱ مِّنۡ حَمِیمࣲ ﴿٩٣﴾

तो उसके लिए खौलते हुए पानी का अतिथि सत्कार है।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَتَصۡلِیَةُ جَحِیمٍ ﴿٩٤﴾

तथा जहन्नम की आग में जलना है।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّ هَـٰذَا لَهُوَ حَقُّ ٱلۡیَقِینِ ﴿٩٥﴾

निःसंदेह यक़ीनन यही है वह सत्य जो निश्चित है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَسَبِّحۡ بِٱسۡمِ رَبِّكَ ٱلۡعَظِیمِ ﴿٩٦﴾

अतः आप अपने महान पालनहार के नाम की महिमा करें।


Arabic explanations of the Qur’an: