(ऐ नबी!) आप इसके साथ अपनी ज़ुबान न हिलाएँ[7], ताकि इसे शीघ्र याद कर लें।
7. ह़दीस में है कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) फ़रिश्ते जिब्रील से वह़्य पूरी होने से पहले इस भय से उसे दुहराने लगते कि कुछ भूल न जाएँ। उसी पर यह आयत उतरी। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4928, 4929) इसी विषय को सूरत ताहा तथा सूरतुल-आला में भी दुहराया गया है।
Arabic explanations of the Qur’an:
إِنَّ عَلَیۡنَا جَمۡعَهُۥ وَقُرۡءَانَهُۥ ﴿١٧﴾
निःसंदेह उसको एकत्र करना और (आपका) उसे पढ़ना हमारे ज़िम्मे है।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَإِذَا قَرَأۡنَـٰهُ فَٱتَّبِعۡ قُرۡءَانَهُۥ ﴿١٨﴾
अतः जब हम उसे पढ़ लें, तो आप उसके पठन का अनुसरण करें।
Arabic explanations of the Qur’an:
ثُمَّ إِنَّ عَلَیۡنَا بَیَانَهُۥ ﴿١٩﴾
फिर निःसंदेह उसे स्पषट करना हमारे ही ज़िम्मे है।
Arabic explanations of the Qur’an:
كَلَّا بَلۡ تُحِبُّونَ ٱلۡعَاجِلَةَ ﴿٢٠﴾
कदापि नहीं[8], बल्कि तुम शीघ्र प्राप्त होने वाली चीज़ (संसार) से प्रेम करते हो।
8. यहाँ से बात फिर काफ़िरों की ओर फिर रही है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَتَذَرُونَ ٱلۡـَٔاخِرَةَ ﴿٢١﴾
और बाद में आने वाली (आख़िरत) को छोड़ देते हो।
Arabic explanations of the Qur’an:
وُجُوهࣱ یَوۡمَىِٕذࣲ نَّاضِرَةٌ ﴿٢٢﴾
उस दिन कई चेहरे तरो-ताज़ा होंगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
إِلَىٰ رَبِّهَا نَاظِرَةࣱ ﴿٢٣﴾
अपने पालनहार की ओर देख रहे होंगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَوُجُوهࣱ یَوۡمَىِٕذِۭ بَاسِرَةࣱ ﴿٢٤﴾
और कई चेहरे उस दिन बिगड़े हुए होंगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
تَظُنُّ أَن یُفۡعَلَ بِهَا فَاقِرَةࣱ ﴿٢٥﴾
उन्हें विश्वास होगा कि उनके साथ कमड़ तोड़ देने वाली सख्ती की जाएगी।
Arabic explanations of the Qur’an:
كَلَّاۤ إِذَا بَلَغَتِ ٱلتَّرَاقِیَ ﴿٢٦﴾
कदापि नहीं[9], जब प्राण हँसलियों तक पहुँच जाएगा।
9. अर्थात यह विचार सह़ीह़ नहीं कि मौत के पश्चात् सड़-गल जाएँगे और दोबारा जीवित नहीं किए जाएँगे। क्योंकि आत्मा रह जाती है, जो मौत के साथ ही अपने पालनहार की ओर चली जाती है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَقِیلَ مَنۡۜ رَاقࣲ ﴿٢٧﴾
और कहा जाएगा : कौन है झाड़-फूँक करने वाला?
Arabic explanations of the Qur’an:
وَظَنَّ أَنَّهُ ٱلۡفِرَاقُ ﴿٢٨﴾
और उसे विश्वास हो जाएगा कि यह (संसार से) जुदाई का समय है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَٱلۡتَفَّتِ ٱلسَّاقُ بِٱلسَّاقِ ﴿٢٩﴾
और पिंडली, पिंडली[10] के साथ लिपट जाएगी।
10. अर्थात मौत का समय आ जाएगा जो निरंतर दुःख का समय होगा। (इब्ने कसीर)
Arabic explanations of the Qur’an:
إِلَىٰ رَبِّكَ یَوۡمَىِٕذٍ ٱلۡمَسَاقُ ﴿٣٠﴾
उस दिन तेरे पालनहार ही की ओर जाना है।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَلَا صَدَّقَ وَلَا صَلَّىٰ ﴿٣١﴾
तो न उसने (सत्य को) माना और न नमाज़ पढ़ी।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَلَـٰكِن كَذَّبَ وَتَوَلَّىٰ ﴿٣٢﴾
लेकिन उसने झुठलाया तथा मुँह फेरा।
Arabic explanations of the Qur’an:
ثُمَّ ذَهَبَ إِلَىٰۤ أَهۡلِهِۦ یَتَمَطَّىٰۤ ﴿٣٣﴾
फिर अकड़ता हुआ अपने परिजनों की ओर गया।
Arabic explanations of the Qur’an:
أَوۡلَىٰ لَكَ فَأَوۡلَىٰ ﴿٣٤﴾
तेरे लिए विनाश है, फिर तेरे लिए बर्बादी है।
Arabic explanations of the Qur’an:
ثُمَّ أَوۡلَىٰ لَكَ فَأَوۡلَىٰۤ ﴿٣٥﴾
फिर तेरे लिए विनाश है, फिर तेरे लिए बर्बादी है।
Arabic explanations of the Qur’an:
أَیَحۡسَبُ ٱلۡإِنسَـٰنُ أَن یُتۡرَكَ سُدًى ﴿٣٦﴾
क्या इनसान समझता है कि उसे यूँ ही बेकार छोड़ दिया जायेगा?[11]
11. अर्थात न उसे किसी बात का आदेश दिया जाएगा और न रोका जाएगा और न उससे कर्मों का ह़िसाब लिया जाएगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
أَلَمۡ یَكُ نُطۡفَةࣰ مِّن مَّنِیࣲّ یُمۡنَىٰ ﴿٣٧﴾
क्या वह वीर्य की एक बूंद नहीं था, जो (गर्भाशय में) गिराई जाती है?
Arabic explanations of the Qur’an:
ثُمَّ كَانَ عَلَقَةࣰ فَخَلَقَ فَسَوَّىٰ ﴿٣٨﴾
फिर वह जमे हुए रक्त का टुकड़ा हुआ, फिर अल्लाह ने पैदा किया और दुरुस्त बनाया।