Surah सूरा अल्-मुर्सलात - Al-Mursalāt

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Surah सूरा अल्-मुर्सलात - Al-Mursalāt - Aya count 50

وَٱلۡمُرۡسَلَـٰتِ عُرۡفࣰا ﴿١﴾

क़सम है उन हवाओं की जो निरंतर भेजी जाती हैं!


Arabic explanations of the Qur’an:

فَٱلۡعَـٰصِفَـٰتِ عَصۡفࣰا ﴿٢﴾

फिर बहुत तेज़ चलने वाली हवाओं की क़सम!


Arabic explanations of the Qur’an:

وَٱلنَّـٰشِرَ ٰ⁠تِ نَشۡرࣰا ﴿٣﴾

और बादलों को फैलाने वाली हवाओं[1] की क़सम!

1. अर्थात जो हवाएँ अल्लाह के आदेशानुसार बादलों को फैलाती हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَٱلۡفَـٰرِقَـٰتِ فَرۡقࣰا ﴿٤﴾

फिर सत्य और असत्य के बीच अंतर करने वाली चीज़[2] के साथ उतरने वाले फ़रिश्तों की क़सम!

2. अर्थात सत्यासत्य तथा वैध और अवैध के बीच अंतर करने के लिए आदेश लाते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَٱلۡمُلۡقِیَـٰتِ ذِكۡرًا ﴿٥﴾

फिर वह़्य[3] लेकर उतरने वाले फ़रिश्तों की क़सम!

3. अर्थात जो वह़्य (प्रकाशना) ग्रहण करके उसे रसूलों तक पहुँचाते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

عُذۡرًا أَوۡ نُذۡرًا ﴿٦﴾

उज़्र (बहाना) समाप्त करने या डराने[4] के लिए।

4. अर्थात ईमान लाने वालों के लिये क्षमा का वचन तथा काफ़िरों के लिये यातना की सूचना लाते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّمَا تُوعَدُونَ لَوَ ٰ⁠قِعࣱ ﴿٧﴾

निःसंदेह तुमसे जिस चीज़ का वादा किया जाता है, निश्चय वह होकर रहने वाली है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَإِذَا ٱلنُّجُومُ طُمِسَتۡ ﴿٨﴾

फिर जब तारे मिटा दिए जाएँगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِذَا ٱلسَّمَاۤءُ فُرِجَتۡ ﴿٩﴾

और जब आकाश फाड़ दिया जाएगा।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِذَا ٱلۡجِبَالُ نُسِفَتۡ ﴿١٠﴾

और जब पर्वत उड़ा दिए जाएँगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِذَا ٱلرُّسُلُ أُقِّتَتۡ ﴿١١﴾

और जब रसूलों को निर्धारित समय पर एकत्र किया जाएगा।[5]

5. उनके तथा उनके समुदायों के बीच निर्णय करने के लिए, और रसूल गवाही देंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

لِأَیِّ یَوۡمٍ أُجِّلَتۡ ﴿١٢﴾

किस दिन के लिए वे विलंबित किए गए हैं?


Arabic explanations of the Qur’an:

لِیَوۡمِ ٱلۡفَصۡلِ ﴿١٣﴾

निर्णय के दिन के लिए।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَمَاۤ أَدۡرَىٰكَ مَا یَوۡمُ ٱلۡفَصۡلِ ﴿١٤﴾

और आपको किस चीज़ ने अवगत कराया कि निर्णय का दिन क्या है?


Arabic explanations of the Qur’an:

وَیۡلࣱ یَوۡمَىِٕذࣲ لِّلۡمُكَذِّبِینَ ﴿١٥﴾

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَلَمۡ نُهۡلِكِ ٱلۡأَوَّلِینَ ﴿١٦﴾

क्या हमने पहलों को विनष्ट नहीं किया?


Arabic explanations of the Qur’an:

ثُمَّ نُتۡبِعُهُمُ ٱلۡـَٔاخِرِینَ ﴿١٧﴾

फिर हम उनके पीछे बाद वालों को भेजेंगे।[6]

6. अर्थात उन्हीं के समान यातना ग्रस्त कर देंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

كَذَ ٰ⁠لِكَ نَفۡعَلُ بِٱلۡمُجۡرِمِینَ ﴿١٨﴾

हम अपराधियों के साथ ऐसा ही करते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَیۡلࣱ یَوۡمَىِٕذࣲ لِّلۡمُكَذِّبِینَ ﴿١٩﴾

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَلَمۡ نَخۡلُقكُّم مِّن مَّاۤءࣲ مَّهِینࣲ ﴿٢٠﴾

क्या हमने तुम्हें एक तुच्छ पानी से पैदा नहीं किया?


Arabic explanations of the Qur’an:

فَجَعَلۡنَـٰهُ فِی قَرَارࣲ مَّكِینٍ ﴿٢١﴾

फिर हमने उसे एक सुरक्षित ठिकाने में रखा।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِلَىٰ قَدَرࣲ مَّعۡلُومࣲ ﴿٢٢﴾

एक ज्ञात अवधि तक।[7]

7. अर्थात गर्भ की अवधि तक।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَقَدَرۡنَا فَنِعۡمَ ٱلۡقَـٰدِرُونَ ﴿٢٣﴾

फिर हमने अनुमान[8] लगाया, तो हम क्या ही अच्छा अनुमान लगाने वाले हैं।

8. अर्थात मानव शरीर की संरचना और उसके अंगों का।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَیۡلࣱ یَوۡمَىِٕذࣲ لِّلۡمُكَذِّبِینَ ﴿٢٤﴾

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَلَمۡ نَجۡعَلِ ٱلۡأَرۡضَ كِفَاتًا ﴿٢٥﴾

क्या हमने धरती को समेटने[9] वाली नहीं बनाया?

9. अर्थात जब तक लोग जीवित रहते हैं, तो उसके ऊपर रहते तथा बसते हैं और मरण के पश्चात उसी में चले जाते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

أَحۡیَاۤءࣰ وَأَمۡوَ ٰ⁠تࣰا ﴿٢٦﴾

जीवित और मृत लोगों को।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَجَعَلۡنَا فِیهَا رَوَ ٰ⁠سِیَ شَـٰمِخَـٰتࣲ وَأَسۡقَیۡنَـٰكُم مَّاۤءࣰ فُرَاتࣰا ﴿٢٧﴾

तथा हमने उसमें ऊँचे पर्वत बनाए और हमने तुम्हें मीठा पानी पिलाया।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَیۡلࣱ یَوۡمَىِٕذࣲ لِّلۡمُكَذِّبِینَ ﴿٢٨﴾

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।


Arabic explanations of the Qur’an:

ٱنطَلِقُوۤاْ إِلَىٰ مَا كُنتُم بِهِۦ تُكَذِّبُونَ ﴿٢٩﴾

(कहा जाएगा :) उस चीज़ की ओर चलो, जिसे तुम झुठलाते थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

ٱنطَلِقُوۤاْ إِلَىٰ ظِلࣲّ ذِی ثَلَـٰثِ شُعَبࣲ ﴿٣٠﴾

एक छाया[10] की ओर चलो, जो तीन शाखाओं वाली है।

10. छाया से अभिप्राय नरक के धुँवे की छाया है, जो तीन दिशाओं में फैली होगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

لَّا ظَلِیلࣲ وَلَا یُغۡنِی مِنَ ٱللَّهَبِ ﴿٣١﴾

जो न छाया देगी और न ज्वाला से बचाएगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّهَا تَرۡمِی بِشَرَرࣲ كَٱلۡقَصۡرِ ﴿٣٢﴾

निःसंदेह वह (आग) भवन के समान चिंगारियाँ फेंकेगी।


Arabic explanations of the Qur’an:

كَأَنَّهُۥ جِمَـٰلَتࣱ صُفۡرࣱ ﴿٣٣﴾

जैसे वे पीले ऊँट हों।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَیۡلࣱ یَوۡمَىِٕذࣲ لِّلۡمُكَذِّبِینَ ﴿٣٤﴾

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।


Arabic explanations of the Qur’an:

هَـٰذَا یَوۡمُ لَا یَنطِقُونَ ﴿٣٥﴾

यह वह दिन है कि वे बोल[11] नहीं सकेंगे।

11. अर्थात उनके विरुद्ध ऐसे तर्क प्रस्तुत कर दिए जाएँगे कि वे अवाक रह जाएँगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَلَا یُؤۡذَنُ لَهُمۡ فَیَعۡتَذِرُونَ ﴿٣٦﴾

और न उन्हें अनुमति दी जाएगी कि वे उज़्र (कारण) पेश करें।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَیۡلࣱ یَوۡمَىِٕذࣲ لِّلۡمُكَذِّبِینَ ﴿٣٧﴾

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।


Arabic explanations of the Qur’an:

هَـٰذَا یَوۡمُ ٱلۡفَصۡلِۖ جَمَعۡنَـٰكُمۡ وَٱلۡأَوَّلِینَ ﴿٣٨﴾

यह निर्णय का दिन है। हमने तुम्हें और पहलों को एकत्र कर दिया है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَإِن كَانَ لَكُمۡ كَیۡدࣱ فَكِیدُونِ ﴿٣٩﴾

तो यदि तुम्हारे पास कोई चाल[12] हो, तो मेरे विरुद्ध चलो।

12. अर्थात मेरी पकड़ से बचने की।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَیۡلࣱ یَوۡمَىِٕذࣲ لِّلۡمُكَذِّبِینَ ﴿٤٠﴾

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّ ٱلۡمُتَّقِینَ فِی ظِلَـٰلࣲ وَعُیُونࣲ ﴿٤١﴾

निश्चय डरने वाले लोग छाँवों तथा स्रोतों में होंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَفَوَ ٰ⁠كِهَ مِمَّا یَشۡتَهُونَ ﴿٤٢﴾

तथा फलों में, जिसमें से वे चाहेंगे।


Arabic explanations of the Qur’an:

كُلُواْ وَٱشۡرَبُواْ هَنِیۤـَٔۢا بِمَا كُنتُمۡ تَعۡمَلُونَ ﴿٤٣﴾

(तथा उनसे कहा जाएगा :) मज़े से खाओ और पियो, उसके बदले जो तुम किया करते थे।


Arabic explanations of the Qur’an:

إِنَّا كَذَ ٰ⁠لِكَ نَجۡزِی ٱلۡمُحۡسِنِینَ ﴿٤٤﴾

हम सदाचारियों को इसी तरह बदला प्रदान करते हैं।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَیۡلࣱ یَوۡمَىِٕذࣲ لِّلۡمُكَذِّبِینَ ﴿٤٥﴾

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।


Arabic explanations of the Qur’an:

كُلُواْ وَتَمَتَّعُواْ قَلِیلًا إِنَّكُم مُّجۡرِمُونَ ﴿٤٦﴾

(ऐ झुठलाने वालो!) तुम खा लो तथा थोड़ा-सा[13] आनंद ले लो। निश्चय तुम अपराधी हो।

13. अर्थात सांसारिक जीवन में।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَیۡلࣱ یَوۡمَىِٕذࣲ لِّلۡمُكَذِّبِینَ ﴿٤٧﴾

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَإِذَا قِیلَ لَهُمُ ٱرۡكَعُواْ لَا یَرۡكَعُونَ ﴿٤٨﴾

तथा जब उनसे कहा जाता है कि (अल्लाह के आगे) झुको, तो वे नहीं झुकते।


Arabic explanations of the Qur’an:

وَیۡلࣱ یَوۡمَىِٕذࣲ لِّلۡمُكَذِّبِینَ ﴿٤٩﴾

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।


Arabic explanations of the Qur’an:

فَبِأَیِّ حَدِیثِۭ بَعۡدَهُۥ یُؤۡمِنُونَ ﴿٥٠﴾

फिर इस (क़ुरआन) के बाद वे किस बात पर ईमान[14] लाएँगे?

14. अर्थात जब अल्लाह की अंतिम पुस्तक पर ईमान नहीं लाते, तो फिर कोई दूसरी पुस्तक नहीं हो सकती, जिस पर वे ईमान लाएँ। इसलिए कि अब और कोई पुस्तक आसमान से आने वाली नहीं है।


Arabic explanations of the Qur’an: