Hinid
Surah सूरा अत्-तीन - At-Teen - Aya count 8
بِّسۡمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِیمِ وَٱلتِّینِ وَٱلزَّیۡتُونِ ﴿١﴾
क़सम है अंजीर की! तथा ज़ैतून की!
وَطُورِ سِینِینَ ﴿٢﴾
एवं "तूरे सीनीन" की क़सम!
وَهَـٰذَا ٱلۡبَلَدِ ٱلۡأَمِینِ ﴿٣﴾
और इस शान्ति वाले नगर की क़सम!
لَقَدۡ خَلَقۡنَا ٱلۡإِنسَـٰنَ فِیۤ أَحۡسَنِ تَقۡوِیمࣲ ﴿٤﴾
निःसंदेह हमने इनसान को सबसे अच्छी संरचना में पैदा किया है।
ثُمَّ رَدَدۡنَـٰهُ أَسۡفَلَ سَـٰفِلِینَ ﴿٥﴾
फिर हमने उसे सबसे नीची हालत की ओर लौटा दिया।
إِلَّا ٱلَّذِینَ ءَامَنُواْ وَعَمِلُواْ ٱلصَّـٰلِحَـٰتِ فَلَهُمۡ أَجۡرٌ غَیۡرُ مَمۡنُونࣲ ﴿٦﴾
परंतु जो लोग ईमान लाए तथा उन्होंने सत्कर्म किए, उनके लिए समाप्त न होने वाला बदला है।
فَمَا یُكَذِّبُكَ بَعۡدُ بِٱلدِّینِ ﴿٧﴾
फिर (ऐ मनुष्य) तुझे कौन-सी चीज़ बदले (के दिन) को झुठलाने पर आमादा करती है?
أَلَیۡسَ ٱللَّهُ بِأَحۡكَمِ ٱلۡحَـٰكِمِینَ ﴿٨﴾
क्या अल्लाह सब हाकिमों से बड़ा हाकिम नहीं है?